राजस्थान में जल जीवन मिशन के तहत अब तक 70 अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है और कई अन्य पर कार्रवाई हुई है, जिनमें इंजीनियर और ठेकेदार शामिल हैं, क्योंकि भ्रष्टाचार और काम में अनियमितताओं की शिकायतें मिली हैं,
पाइपलाइन बिछाने में गुणवत्ता नियंत्रण और भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद यह कार्रवाई की गई है, जिसमें ग्रामीणों ने शिकायतें की थीं। अभी भी जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही है जिसको लेकर उच्च स्तर के अधिकारी लगातार मॉनिटरिंग करने में लगे हैं। मिशन को लेकर कुछ जगह काम प्रगति पर है तो कुछ जगह कम कछुआ चाल चल रहा है । लगातार जल जीवन मिशन घोटाले को लेकर शिकायत मिलने के बाद मंत्री की ओर से भी एक्शन लिया जा रहा है ।मंत्री के निर्देश पर राज्य और जिले के अधिकारियों की एक टीम बनाकर जांच कराई गई है, जिसके बाद यह निलंबन की कार्रवाई देखने को मिल रही है ।
राजस्थान में जल जीवन मिशन की प्रशासनिक जिम्मेदारी जलदाय विभाग की है । जिसमें डॉ. समित शर्मा जैसे अधिकारी समीक्षा कर रहे हैं ।जबकि पिछली सरकार में मंत्री डॉ. महेश जोशी और उनके सहयोगी संजय बड़ाया जैसे अधिकारियों का नाम घोटाले से जुड़ा रहा है ।जिससे ED की जाँच भी हुई है
सुरेश सिंह रावत जल संसाधन मंत्री हैं और योजना की प्रगति पर नज़र रखे हुए हैं।
जल जीवन मिशन को लेकर कब किसने और कहां आरोप लगाए !
जल जीवन मिशन को लेकर राजस्थान लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। 900 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप में सात महीने से पूर्व मंत्री महेश जोशी जेल में थे । जिन्हें अब राहत मिली है। मंत्री डॉ. महेश जोशी पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में जलदाय मंत्री थे। अब विपक्ष में कांग्रेस है और कांग्रेस जल जीवन मिशन को लेकर भाजपा पर आरोप लगा रही है ।





