BY: Yoganand Shrivastva
इंदौर: मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (MPCA) की वार्षिक आम सभा (AGM) मंगलवार को होलकर स्टेडियम में आयोजित हुई। बैठक में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद रहे। इस दौरान 29 वर्षीय महानआर्यमन सिंधिया को निर्विरोध एमपीसीए का नया अध्यक्ष चुना गया, जिससे वे इस पद पर आसीन होने वाले सबसे युवा अध्यक्ष बन गए।
नई टीम का गठन
महानआर्यमन के साथ निर्विरोध चुनी गई कार्यकारिणी में सुधीर असनानी सचिव, अरुंधति किरकिरे सहसचिव, विनीत सेठिया उपाध्यक्ष और संजीव दुआ कोषाध्यक्ष बने। मैनेजिंग कमेटी में संध्या अग्रवाल, प्रसून कनमड़ीकर, राजीव रिसोड़कर और ब्रजेश राणा को स्थान मिला।
सभा से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने बेटे महानआर्यमन के साथ खजराना गणेश मंदिर पहुंचे और दर्शन किए। उनके साथ प्रदेश के मंत्री तुलसीराम सिलावट भी मौजूद थे।
क्रिकेट में सक्रिय योगदान
महानआर्यमन सिंधिया पिछले कुछ वर्षों से क्रिकेट प्रशासन में सक्रिय हैं। 2022 में उन्हें ग्वालियर डिवीजन क्रिकेट एसोसिएशन (GDCA) का उपाध्यक्ष बनाया गया था। वे एमपीसीए के आजीवन सदस्य भी हैं। उनकी पहल पर मध्यप्रदेश क्रिकेट लीग (MPL) की शुरुआत हुई और पिछले दो वर्षों में ग्वालियर में इसका सफल आयोजन किया गया।
सिंधिया परिवार का दबदबा
एमपीसीए में सिंधिया परिवार का वर्चस्व लंबे समय से कायम है। माधवराव सिंधिया 1982 से 2001 तक एमपीसीए के अध्यक्ष रहे और इसी दौरान वे बीसीसीआई के अध्यक्ष भी बने। 2004 से 2019 तक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह जिम्मेदारी संभाली। सिंधिया परिवार के प्रभाव के चलते एमपीसीए ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।
विजयवर्गीय बनाम सिंधिया विवाद का अंत
2010 में एमपीसीए चुनावों में ज्योतिरादित्य सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था, जिसमें सिंधिया ने 70 मतों से जीत दर्ज की थी। 2012 के चुनाव में सिंधिया गुट ने एकतरफा जीत हासिल की। भाजपा में शामिल होने के बाद सिंधिया और विजयवर्गीय गुटों के बीच का विवाद समाप्त हो गया।





