BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली,– केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया सोमवार को दुबई में आयोजित 28वीं यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। इस वैश्विक मंच पर भारत डाक सेवाओं में नवाचार, वित्तीय समावेशन और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पेश करेगा।
इस आयोजन का मुख्य आकर्षण यूपीआई-यूपीयू एकीकरण परियोजना का औपचारिक शुभारंभ होगा, जो अंतरराष्ट्रीय धन प्रेषण व्यवस्था में एक ऐतिहासिक बदलाव की दिशा में कदम माना जा रहा है।
यूपीआई-यूपीयू एकीकरण: प्रवासी भारतीयों के लिए नई सुविधा
भारत पोस्ट, एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) और यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) के सहयोग से तैयार इस परियोजना का उद्देश्य भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI) को UPU इंटरकनेक्शन प्लेटफ़ॉर्म से जोड़ना है।
इससे प्रवासी भारतीयों को अपने परिवारों को पैसा भेजने का एक सुरक्षित, तेज़ और किफायती विकल्प मिलेगा। यह न केवल लाखों परिवारों के लिए सहूलियत बढ़ाएगा, बल्कि सीमा-पार वित्तीय लेनदेन को सरल बनाकर आर्थिक गतिविधियों को भी गति देगा।
यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस के प्रमुख बिंदु:
- मंत्रिस्तरीय संबोधन: ज्योतिरादित्य सिंधिया इस सम्मेलन में भारत की ओर से भाषण देंगे। वे डाक क्षेत्र में तकनीक के बेहतर उपयोग, विश्वसनीय सेवाओं और वित्तीय समावेशन पर भारत की दृष्टि साझा करेंगे।
- नवाचार की झलक: यूपीआई-यूपीयू एकीकरण का शुभारंभ इस सम्मेलन का एक ऐतिहासिक क्षण होगा, जो वैश्विक सहयोग और तकनीकी प्रगति का प्रतीक बनेगा।
- वैश्विक सहभागिता: भारतीय प्रतिनिधिमंडल 192 देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर साझेदारी और नवाचार के नए अवसरों पर चर्चा करेगा।
- प्रगतिशील दृष्टिकोण: भारत टिकाऊ विकास, डिजिटल परिवर्तन और सभी के लिए डाक सेवाओं तक समान पहुंच को प्राथमिकता देने का संदेश देगा।
- वैश्विक परिषदों में उम्मीदवारी: भारत ने यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की प्रशासन परिषद और डाक संचालन परिषद के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। भारत का लक्ष्य वैश्विक सहयोग को मजबूत करना और क्षमता निर्माण में योगदान देना है।
भारत की प्रतिबद्धता
डाक विभाग की सचिव वंदिता कौल ने कहा, “भारत वैश्विक डाक समुदाय के साथ मिलकर एक समावेशी और टिकाऊ भविष्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कांग्रेस सहयोग और ज्ञान साझा करने का एक अनूठा अवसर है, और भारत इसके माध्यम से वैश्विक डाक सेवाओं के आधुनिकीकरण में अपना योगदान देगा।”





