अहमदाबाद में हाल ही में हुए एक विमान हादसे ने यात्रियों की सोच में बड़ा बदलाव ला दिया है। एयर इंडिया की फ्लाइट क्रैश में जहां 241 लोगों की दुखद मृत्यु हो गई, वहीं सिर्फ एक व्यक्ति—विश्वासकुमार रमेश—की जान बच सकी। वे उस समय सीट नंबर 11A पर बैठे थे, जो इमरजेंसी एग्जिट के पास थी।
इस घटना के बाद देशभर में 11A सीट और इमरजेंसी एग्जिट सीटों की डिमांड अचानक से बढ़ गई है। कई यात्री अब न केवल आराम के लिए बल्कि सुरक्षा की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए इन सीटों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
क्या है खास 11A सीट में?
- स्थान: इमरजेंसी एग्जिट के पास
- स्पेस: ज्यादा लेगरूम मिलता है
- धारणा: अधिक सुरक्षा की उम्मीद
- नई प्रवृत्ति: हादसे के बाद यात्रियों का विश्वास बढ़ा
एविएशन विशेषज्ञों का कहना है कि तकनीकी रूप से इमरजेंसी एग्जिट के पास बैठना किसी भी दुर्घटना में जीवन रक्षक साबित नहीं होता, लेकिन यात्रियों में अब एक मनोवैज्ञानिक शांति और विश्वास जुड़ गया है।
पहले क्यों नहीं लेते थे यात्री ये सीटें?
- अधिकतर सीटें पूरी तरह पीछे नहीं झुकतीं
- कुछ यात्रियों को इमरजेंसी गेट हैंडलिंग का डर
- अतिरिक्त शुल्क से बचने की प्रवृत्ति
लेकिन अब इस सोच में बड़ा बदलाव आ गया है।
यात्रियों की सोच में बदलाव
यात्रा की प्राथमिकता अब सुरक्षा
कोलकाता, दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों के ट्रैवल एजेंट्स का कहना है कि अब वे अधिक यात्रियों से इमरजेंसी एग्जिट के पास सीट की मांग सुन रहे हैं। खासतौर पर सीट नंबर 11A को लेकर तो एक क्रेज सा बन गया है।
एक्स्ट्रा पैसे देने को तैयार लोग
- जितेंद्र सिंह बग्गा: अमेरिका जाने के लिए खासतौर पर 11A सीट बुक करने को कहा और एक्स्ट्रा पेमेंट देने की बात भी कही।
- राजेश भगनानी: मुंबई फ्लाइट के लिए 11A या किसी इमरजेंसी सीट की डिमांड की। उनका कहना है कि “भाग्य अपनी जगह है, लेकिन मैं पूरी कोशिश करना चाहता हूं।”
ट्रैवल इंडस्ट्री क्या कहती है?
- अनिल पंजाबी, ट्रैवल एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के सदस्य ने बताया कि अब इमरजेंसी एग्जिट सीटों की डिमांड स्पष्ट रूप से बढ़ रही है।
- अंजनी धानुका, ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (पूर्वी क्षेत्र) के चेयरमैन ने कहा कि अब कई यात्री स्पेस के साथ-साथ सीट नंबर 11A भी विशेष रूप से मांग रहे हैं, चाहे वह एग्जिट के पास हो या नहीं।
यह भी पढें: सोनम की साजिश : शिलॉन्ग की पहाड़ी पर राजा के साथ चढ़ाई करते नया वीडियो वायरल
सुरक्षा बन गई है नई प्राथमिकता
जहां पहले यात्रियों की प्राथमिकता सिर्फ आराम थी, अब मानसिक सुरक्षा और संभावित बचाव की संभावना एक नया ट्रेंड सेट कर रही है। हालांकि तकनीकी रूप से किसी भी सीट की सुरक्षा की गारंटी नहीं होती, फिर भी 11A जैसी सीटों की मांग यह दिखाती है कि एक घटना किस तरह से यात्रियों की सोच और व्यवहार को बदल सकती है।