ईडी की जांच में 7.44 करोड़ रुपये की यह धोखाधड़ी सामने आई थी। यह पैसा पंजाब, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के निवेशकों का था, जिन्होंने नाइसर ग्रीन ग्रुप कंपनी में एफडी और आरडी के नाम पर इन्वेस्ट किया था।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पोंजी स्कीम फ्रॉड केस में बड़ा खुलासा किया है। ईडी जालंधर के अधिकारी ने बताया कि पोंजी स्कीम धोखाधड़ी में शामिल पंजाब की कंपनी नाइसर ग्रीन ग्रुप के एमडी पीपल सिंह ने लोगों से कंपनी में बड़ी संख्या में निवेश करने के नाम पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की।
ईडी की जांच में 7.44 करोड़ रुपये की यह धोखाधड़ी सामने आई थी। यह पैसा पंजाब, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के निवेशकों का था, जिन्होंने नाइसर ग्रीन ग्रुप कंपनी में एफडी और आरडी के नाम पर इन्वेस्ट किया था। कंपनी के एमडी पीपल सिंह ने निवेशकों को भारी रिटर्न देने का लालच देकर उनसे कंपनी में पैसा लगवाया था।
ईडी जालंधर ने सोमवार को स्पेशल कोर्ट में अभियोजन शिकायत (प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट) फाइल की थी, जिसे ईडी की स्पेशल कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। ईडी ने कंपनी के एमडी पीपल सिंह और 16 अन्य आरोपियों के अलावा 7 कंपनियों के खिलाफ यह अभियोजन शिकायत दाखिल की है।
ईडी जालंधर ने स्पेशल कोर्ट में रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि पंजाब, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के निवेशकों से ठगी किए इन पैसों से आरोपी एमडी पीपल सिंह ने मध्यप्रदेश, यूपी और पंजाब में अचल संपत्ति बनाई है।
5.84 करोड़ की संपत्ति अटैच कर चुका है ईडी
ईडी जालंधर की टीम आरोपी कंपनी के एमडी और उसके बेटे के नाम पर बनाई गई 5.84 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति को अटैच कर चुका है। आरोपी एमडी पीपल सिंह और उसके बेटे गुरकिरत सिंह को स्पेशल कोर्ट जालंधर की ओर से पीओ घोषित किया जा चुका है। दरअसल इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को जांच के आदेश दिए थे। पंजाब, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग निवेशकों के साथ हुई इस धोखाधड़ी की जब ईडी ने जांच की तो इस खेल का खुलासा हुआ।