21 जून 2025 को पूरी दुनिया की तरह चीन ने भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को बड़े उत्साह के साथ मनाया। शंघाई में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने इस अवसर पर एक विशेष योग सत्र का आयोजन किया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर सिद्धार्थ चटर्जी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
चटर्जी स्वयं एक योग साधक हैं और योग को जीवन का अहम हिस्सा मानते हैं। इस कार्यक्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा योग को वैश्विक मंच पर पहुंचाने के प्रयासों की सराहना की।
शंघाई में विशेष आयोजन: पूर्वी चीन में समापन कार्यक्रम
भारत के महावाणिज्य दूत प्रतीक माथुर ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि हांग्जो, वुक्सी और सूजो जैसे शहरों में आयोजित योग कार्यक्रमों की श्रृंखला का समापन शंघाई के इस भव्य आयोजन के साथ हुआ।
आयोजन की विशेषताएं:
- योगाभ्यास सत्र: सामूहिक रूप से किया गया योग
- संवाद सत्र: योग और जीवनशैली पर चर्चा
- सांस्कृतिक कार्यक्रम: भारत की विविधता का प्रदर्शन
इस समारोह का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और योग के बीच गहरे संबंधों को उजागर करना था। कार्यक्रम में राजनयिकों, अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के प्रतिनिधियों, बौद्ध मठों के साधकों और स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया।
त्रासदी में भी योग बना शक्ति का स्रोत
अपने भाषण में प्रतीक माथुर ने हाल ही में अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 दुर्घटना का भी जिक्र किया और पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा,
“ऐसे कठिन समय में योग मानसिक शांति और आंतरिक शक्ति का मार्ग दिखाता है।”
पीएम मोदी की पहल: योग बना वैश्विक आंदोलन
महावाणिज्य दूत ने प्रधानमंत्री मोदी के उस ऐतिहासिक प्रयास की सराहना की, जब उन्होंने 2014 में संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पहल की थी। उन्होंने योग को भारत की प्राचीन संस्कृति का अनमोल उपहार बताते हुए कहा,
“योग शरीर और मन, विचार और कर्म, आत्मानुशासन और संतुलन के बीच एकता का प्रतीक है।”
सिद्धार्थ चटर्जी ने भी अपने भाषण में पीएम मोदी की नेतृत्व क्षमता और योग को दुनिया से जोड़ने में उनकी भूमिका की सराहना की।
योग: स्वास्थ्य, सद्भाव और संबंधों का सेतु
सिद्धार्थ चटर्जी ने कहा,
“योग न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए बल्कि राष्ट्रों के बीच मित्रता और शांति को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाता है।”
इस आयोजन ने एक बार फिर साबित किया कि योग किसी एक देश तक सीमित नहीं, बल्कि यह मानवता के लिए एक साझा सांस्कृतिक विरासत है।
योग केवल व्यायाम नहीं, जीवनशैली है
शंघाई में हुए इस आयोजन ने न केवल पूर्वी चीन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह की श्रृंखला का समापन किया, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि योग एक विश्वव्यापी आंदोलन बन चुका है।
भारत के महावाणिज्य दूतावास ने सभी प्रतिभागियों और सहयोगियों को धन्यवाद दिया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह कथन इस आयोजन की आत्मा बना रहा—
“योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है।”