BY: Yoganand Shrivastva
भारतीय वायुसेना के जांबाज ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी को उनके साहस और अद्वितीय योगदान के लिए वीरता पुरस्कार “वीर चक्र” से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाने के लिए मिला।
ऑपरेशन सिंदूर: जब पाकिस्तान की सीमा में गूँजी भारतीय वायुसेना की दहाड़
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में मई 2025 में भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया। इस मिशन के तहत पाकिस्तान की सीमा के भीतर गहराई तक जाकर 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया।
अनिमेष पाटनी और उनकी टीम ने मुरीदके और बहावलपुर में आतंकियों के मुख्यालय के साथ-साथ पाकिस्तान के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया। इस ऑपरेशन की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं आदमपुर एयरबेस पहुँचे और अनिमेष व उनकी टीम से मुलाकात कर उनकी वीरता की सराहना की।
2010 का साहसिक किस्सा
यह पहली बार नहीं था जब अनिमेष ने अपनी बहादुरी दिखाई। वर्ष 2010 में जोधपुर एयरबेस पर तैनाती के दौरान उनके मिग-27 विमान में हवा में ब्लास्ट हो गया। उन्होंने सूझबूझ दिखाते हुए विमान को आबादी से दूर मोड़कर पाली जिले के जैतपुर गांव में गिराया। इससे बड़ी जनहानि टल गई। उस समय वे खुद पैराशूट से कूदकर सुरक्षित बाहर निकले।
शिक्षा और करियर की शुरुआत
- जन्म: 25 जनवरी 1984, कोटा (राजस्थान)
- स्कूली शिक्षा: सेंट पॉल स्कूल, कोटा
- एनडीए (खड़गवासला, पुणे) से प्रशिक्षण के बाद 2005 में भारतीय वायुसेना में कमीशन मिला।
- पहली पोस्टिंग: छबवा एयरबेस, असम।
- वर्तमान पद: ग्रुप कैप्टन, आदमपुर एयरबेस (जालंधर के निकट)।
पारिवारिक पृष्ठभूमि
अनिमेष के पिता के.के. पाटनी सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) कोटा में इंजीनियर थे। 2020 में उनका निधन हो गया।
परिवार में –
- मां अनिला पाटनी
- दो बड़ी बहनें (एक डॉक्टर हैदराबाद में, दूसरी अजमेर में)
- पत्नी वर्दनी
- 13 वर्षीय बेटी वामिका
अनिमेष परिवार के साथ पंजाब में रहते हैं, लेकिन त्योहारों और विशेष अवसरों पर अपने पैतृक गांव कुंजेड (जिला बारां) भी आते-जाते रहते हैं।
वीर चक्र: गौरव का क्षण
राष्ट्रपति भवन में आयोजित विशेष समारोह में राष्ट्रपति ने अनिमेष पाटनी को वीर चक्र प्रदान किया। यह युद्धकालीन परिस्थितियों में दिया जाने वाला भारत का तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है। उनकी इस उपलब्धि पर पूरे राजस्थान, खासकर बारां जिले में जश्न का माहौल है।





