अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जेक सुलिवन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सुलिवन का कहना है कि ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ अपने परिवार के कारोबारी हितों को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ दशकों पुराने रणनीतिक संबंधों को नजरअंदाज किया।
सुलिवन ने यह बयान एक इंटरव्यू में दिया। उन्होंने कहा कि ट्रंप के फैसलों ने अमेरिका के वैश्विक हितों और भारत जैसे अहम सहयोगी के साथ रिश्तों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।
अमेरिका-भारत संबंधों को हुआ नुकसान
- सुलिवन ने बताया कि अमेरिका ने दशकों से भारत के साथ तकनीक, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा क्षेत्रों में साझेदारी मजबूत करने की कोशिश की है।
- ट्रंप के पाकिस्तान के साथ बढ़ते कारोबारी सौदे और भारत पर टैरिफ लगाने के फैसले ने इन प्रयासों को कमजोर किया।
- उन्होंने इसे अमेरिका के लिए “बड़ा रणनीतिक नुकसान” बताया।
“अगर दुनिया के अन्य देश यह मानने लगें कि अमेरिका पर भरोसा नहीं किया जा सकता, तो यह अमेरिकी हितों के लिए हानिकारक होगा। भारत के साथ जो हो रहा है, उसका असर सभी वैश्विक साझेदारों पर पड़ेगा।” — जेक सुलिवन
ट्रंप का पाकिस्तान के साथ बढ़ता रिश्ता
- अप्रैल 2024 में ट्रंप परिवार की क्रिप्टो कंपनी World Liberty Financial (WLF) ने पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल (PCC) के साथ कई समझौते किए।
- WLF में ट्रंप और उनके परिवार की 60% हिस्सेदारी है, और ट्रंप इसे ‘Chief Crypto Advocate’ के रूप में संचालित करते हैं।
- समझौते पाकिस्तान में क्रिप्टो इंडस्ट्री के विकास और निवेश को बढ़ावा देने के लिए किए गए।
व्हाइट हाउस में मुलाकात और व्यापार सौदे
- जून 2024 में पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर और ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मुलाकात की।
- मुलाकात में व्यापार, आर्थिक विकास और क्रिप्टोकरेंसी जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
- जुलाई 2024 में ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ व्यापार समझौते की घोषणा की और भारत के सामान पर 25% टैरिफ की धमकी दी।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, “हमने पाकिस्तान के साथ एक सौदा किया है, जिसके तहत अमेरिका और पाकिस्तान मिलकर उनके तेल भंडारों का विकास करेंगे।”
भारत-पाकिस्तान तनाव और वैश्विक प्रभाव
- 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की।
- ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष को सुलझाने में मदद की, लेकिन सुलिवन इसे ‘अंडर-रिपोर्टेड’ करार देते हैं।
- विशेषज्ञों का मानना है कि भारत जैसे अहम सहयोगी के साथ रिश्तों को कमजोर करना और पाकिस्तान के साथ निजी कारोबार को प्राथमिकता देना अमेरिका के लिए नई रणनीतिक मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
निष्कर्ष
पूर्व NSA जेक सुलिवन के आरोपों से यह स्पष्ट होता है कि ट्रंप प्रशासन के फैसलों ने भारत-अमेरिका रिश्तों में गंभीर तनाव पैदा किया। पाकिस्तान के साथ बढ़ते कारोबारी हितों ने न सिर्फ दो देशों के बीच, बल्कि वैश्विक रणनीति और अमेरिका के अन्य सहयोगियों के भरोसे पर भी असर डाला है।





