प्राचीन जंतर-मंतर वेधशाला का अनुमान
हिन्दू पंचांग के अनुसार हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का बहुत महत्व है। आमतौर पर इसको एक खगोलिय घटना माना जाता है। लेकिन धार्मिक रूप से इसे शुभ और अशुभ भी देखा जाता है। हिंदू पंचाग की मानें तो नए साल 2025 में कुल 4 ग्रहण लगने वाले हैं। इसमें मुख्य रूप से 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण हैं। नए साल में सूर्य, पृथ्वी व चंद्रमा की चाल पूरी दुनिया को ग्रहण के रूप में प्रभावित करने वाली है। इनको लेकर उज्जैन की प्राचीन काल की वेधशाला ने अपना अनुमान बताया है। वेदशाला ने बताया है कि इन ग्रहणों में से कितने ग्रहण भारत में नजर आएंगे।
14 मार्च 2025 को लगेगा पहला पूर्म चंद्र ग्रहण
उज्जैन के सरकारी जीवाजी वेधशाला ने बताया कि नए साल 2025 में पहला ग्रहण मार्च में लगेगा। 14 मार्च 2025 को पूर्ण चंद्रग्रहण लगेगा। ये पहला ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा, क्योंकि इस समय भारत में दिन का समय रहेगा। ये खगोलीय घटना अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, पश्चिमी अफ्रीका और उत्तरी और दक्षिणी अटलांटिक महासागर में दिखाई देगी।
29 मार्च 2025 में कुल 2 ग्रहण
वेदशाला की जानकारी के अनुसार 2025 का दूसरा ग्रहण 29 मार्च को लगेगा। जो एक आंशिक सूर्यग्रहण होगा। इसे भी भारत में नहीं देखा जा सकेगा। यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड, आईस लैंड, उत्तरी अटलांटिक महासागर, पूरे यूरोप और उत्तर-पश्चिमी रूस में नजर आएगा।
भारत में नजर आएगा यह ग्रहण
2025 में 7 और 8 सितंबर के बीच लगने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत में नजर आने वाला है। यह ग्रहण एशिया के अन्य देशों के साथ ही यूरोप, अंटाकर्टिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया और हिंद महासागर क्षेत्र में भी दिखाई देगा।