रिपोर्ट- भूपेन्द्र गबेल
BY- ISA AHMAD
रायगढ़ (छत्तीसगढ़)।
रायगढ़ जिला जेल में नवरात्रि का पवित्र पर्व इस बार एक अनोखे और आध्यात्मिक रंग में मनाया जा रहा है। जेल की ऊँची दीवारों और सलाखों के बीच मां दुर्गा की भक्ति का अद्भुत दृश्य देखने को मिल रहा है। यहाँ सजा काट रहे 48 बंदी – 40 पुरुष और 8 महिलाएँ – उपवास और पूजा-अर्चना करके मां दुर्गा के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं। जेल प्रशासन ने उनकी आस्था का सम्मान करते हुए विशेष व्यवस्थाएँ की हैं, जिससे जेल परिसर मंदिर जैसी रौनक से गूंज उठा है।
बंदियों की भक्ति और पूजा
जेल में कुल 800 से अधिक बंदियों में से 48 ने नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा की आराधना करने का संकल्प लिया है। इनमें से 30 बंदी पूरे नौ दिनों तक उपवास रखेंगे, जबकि 18 अन्य पंचमी, अष्टमी और नवमी के दिन उपवास करेंगे। जेल के एक विशेष बैरक को मंदिर की तरह सजाया गया है, जहाँ कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है।
सुबह-शाम भजन-कीर्तन और मंत्रोच्चार से जेल का माहौल भक्तिमय हो उठा है। बंदी एकाग्रचित्त होकर मां की स्तुति में लीन रहते हैं, और वाद्ययंत्रों की धुन पर भजनों की स्वरलहरियाँ जेल की दीवारों को पार करती प्रतीत होती हैं।
जेल प्रशासन की पहल
जेल अधीक्षक जीएस शौरी ने बताया, “बंदियों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान हमारा कर्तव्य है। नवरात्रि के लिए हमने विशेष बैरक में पूजा की व्यवस्था की है। फलाहार, पूजन सामग्री और वाद्ययंत्र उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि बंदी विधि-विधान से आराधना कर सकें।”
आस्था और सकारात्मक संदेश
बंदियों के चेहरों पर उपवास और पूजा के दौरान दिखने वाली शांति और समर्पण उनकी आस्था का प्रमाण है। दीपों की रोशनी, फूलों की माला और भजनों की गूंज इस बैरक में मंदिर जैसा माहौल बना रही है। यह दृश्य न केवल बंदियों की आध्यात्मिकता को दर्शाता है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देता है कि सुधार और सकारात्मकता का रास्ता हर परिस्थिति में खुला रहता है।