मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले की कोलारस तहसील में लगातार हो रही भारी बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। सिंध नदी उफान पर आने से कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए। ऐसे कठिन समय में भारतीय सेना ने मोर्चा संभाला और दो दिनों के अंदर 500 से ज्यादा लोगों की जान बचाई।
सिंध नदी में बाढ़ से मचा हाहाकार
- कई दिनों की बारिश से नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा।
- आसपास के गांवों में जलभराव के कारण लोग घरों में फंस गए।
- स्थानीय प्रशासन ने तुरंत सेना को बुलाया।
दो दिन चला रेस्क्यू ऑपरेशन
भारतीय सेना के जवानों ने लगातार दो दिन तक उफनती सिंध नदी में मोर्चा संभालकर सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
- जवानों ने 500+ लोगों को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से बाहर निकाला।
- खतरनाक लहरों को पार करते हुए सेना ने हर संभव प्रयास किया।
- जिन इलाकों में पहुंचना लगभग नामुमकिन था, वहां तक भी सैनिक पहुंचे।
सम्मान में गूंजा “थैंक्यू इंडियन आर्मी”
रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद जब जवान वापस अपने कैंप बबीना लौट रहे थे, तो कोलारस के प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने उनका सम्मान किया।
- एसडीएम अनूप श्रीवास्तव ने कहा कि सेना का यह साहसिक कार्य प्रशंसा से कहीं बढ़कर है।
- उन्होंने कहा, “अगर सेना न होती, तो इतना बड़ा ऑपरेशन संभव नहीं था। थैंक्यू! भारतीय सेना…”
क्यों खास है यह रेस्क्यू मिशन?
- यह सिर्फ एक राहत अभियान नहीं था, बल्कि सैकड़ों परिवारों के लिए नई उम्मीद थी।
- सेना ने साबित किया कि प्राकृतिक आपदाओं में भारतीय सैनिक सिर्फ सीमा के रक्षक नहीं, बल्कि जनता के जीवनदाता भी हैं।
शिवपुरी की सिंध नदी में बाढ़ के दौरान भारतीय सेना की यह वीरता और समर्पण हमेशा याद रखा जाएगा। इस बचाव अभियान ने न केवल सैकड़ों लोगों की जान बचाई, बल्कि यह भी दिखाया कि संकट की घड़ी में भारतीय सेना ही देश की सबसे बड़ी ताकत है।