रूस-यूक्रेन, इजरायल-ईरान और इजरायल-हमास जैसे बड़े संघर्षों के बीच अब एशिया के दो और देशों—थाईलैंड और कंबोडिया के बीच भी युद्ध जैसे हालात बन गए हैं। सीमा विवाद ने हिंसक रूप ले लिया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ गई है।
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क्या हुआ है अब तक: संघर्ष की बड़ी घटनाएं

- कंबोडिया ने थाईलैंड पर BM-21 रॉकेट से हमला किया, जिसमें राजधानी बैंकॉक का एक गैस स्टेशन पूरी तरह तबाह हो गया।
- इस हमले में कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई है और 14 लोग घायल बताए जा रहे हैं, जिनमें आम नागरिक और स्कूली बच्चे भी शामिल हैं।
- जवाब में, थाईलैंड ने एफ-16 फाइटर जेट्स से कंबोडिया पर एयरस्ट्राइक की है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हुई है।
बैंकॉक में दहशत: सैनिकों ने लिया जमीन पर शरण
कंबोडिया के अचानक हुए रॉकेट हमले से बैंकॉक में अफरा-तफरी मच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार:
- सैनिक अपनी जान बचाने के लिए फर्श पर लेटे दिखे।
- धमाकों के बाद कई इलाकों में धुआं और तबाही का मंजर देखा गया।
- कई स्कूलों और घरों के आसपास सायरन और चेतावनी संदेश गूंजने लगे।
अमेरिका की चेतावनी: बॉर्डर क्षेत्र से दूर रहें
थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष के बीच अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए विशेष सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है:
- 24 जुलाई को सीमा क्षेत्र में रॉकेट और आर्टिलरी गन से हमले की पुष्टि हुई है।
- अमेरिकी नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे सीमा से सटे इलाकों को तत्काल खाली करें।
- थाईलैंड सरकार द्वारा जारी की गई सुरक्षा गाइडलाइंस का पालन करें।
क्या हो सकता है आगे?
- संघर्ष अभी सीमित सीमा क्षेत्रों तक है, लेकिन इसकी भविष्य की दिशा अनिश्चित बनी हुई है।
- अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर ASEAN और UN, अब इस पर नजर बनाए हुए हैं।
- यह संघर्ष पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया की स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
बढ़ती चिंता का विषय
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच बढ़ती हिंसा ने न केवल इन दोनों देशों की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी है, बल्कि पूरे क्षेत्र को अस्थिर करने की आशंका को जन्म दे दिया है। आने वाले दिनों में स्थिति कैसे बदलती है, यह सिर्फ इन दोनों देशों की रणनीतिक चालों पर नहीं, बल्कि वैश्विक हस्तक्षेप पर भी निर्भर करेगा।