BY: Yoganand Shrivastva
बेंगलुरु: एक 45 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना से पहले उसने 10 पेज का सुसाइड नोट लिखा, जिसमें ग्रेटर बेंगलुरु अथॉरिटी के एक अधिकारी और एक दम्पत्ति पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इंजीनियर ने आरोप लगाया कि उसे फर्जी रूप से नियम तोड़ने का दोषी ठहराकर लगातार परेशान किया जा रहा था और मामले को दबाने के लिए उससे 20 लाख रुपये की मांग की गई थी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी दम्पत्ति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि उनका बेटा फरार है।
पुलिस जांच के अनुसार सॉफ्टवेयर इंजीनियर मुरली गोविंद राजू ने 2018 में व्हाइटफील्ड क्षेत्र में एक जमीन खरीदी थी। यह जमीन शशि नाम्बियार और उषा नाम्बियार दम्पत्ति के जरिए उनके एक रिश्तेदार से खरीदी गई थी। गोविंद राजू ने सुसाइड नोट में लिखा है कि जैसे ही उसने उस जमीन पर मकान का निर्माण शुरू किया, दम्पत्ति ने उस पर नगर निगम के नियमों की अनदेखी का आरोप लगाना शुरू कर दिया। साथ ही, बताया कि शशि ने ग्रेटर बेंगलुरु अथॉरिटी के कुछ अधिकारियों को भी अपने साथ मिला लिया और उसे नियमित रूप से डराया-धमकाया जा रहा था।
सुसाइड नोट में इंजीनियर ने यह भी लिखा कि आरोपियों ने मामले को शांत करने के लिए 20 लाख रुपये की मांग की थी और सोमवार तक इसकी अंतिम समयसीमा तय की थी। सोमवार सुबह वह घर से निकलकर सीधे अपने निर्माणाधीन मकान पर पहुंचा और वहीं फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मामले में मृतक की मां की शिकायत पर पुलिस ने शशि नाम्बियार और उसकी पत्नी उषा को गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, जबकि उनका बेटा वरुण अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। जांच आगे जारी है।





