भारतीय अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए एक बार फिर निराशा की खबर आई है। शुभांशु शुक्ला को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) ले जाने वाला एक्सियम-4 (Ax-4) मिशन अब तक पांचवीं बार स्थगित किया जा चुका है। यह मिशन पहले 22 जून को निर्धारित था, लेकिन ISS की सुरक्षा जांच के कारण फिर से टाल दिया गया।
नई लॉन्च तारीख की अभी घोषणा नहीं हुई है।
अब तक कितनी बार टल चुका है मिशन?
शुभांशु का अंतरिक्ष मिशन लगातार तकनीकी दिक्कतों और मौसम की बाधाओं से जूझ रहा है। जानिए अब तक मिशन की टाइमलाइन:
- 29 मई: ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की तैयारी अधूरी होने के कारण स्थगन
- 8 जून: मौसम खराब होने के कारण लॉन्च टला
- 10 जून: फिर से मौसम के चलते टालना पड़ा
- 11 जून: ऑक्सीजन लीक के कारण मिशन रुका
- 22 जून: ISS की सुरक्षा जांच के कारण फिर से स्थगित
वजह क्या है बार-बार देरी की?
NASA और SpaceX दोनों एजेंसियां सुरक्षा में कोई समझौता नहीं करना चाहतीं। इस बार देरी का कारण बना:
- ISS के Zvezda मॉड्यूल की मरम्मत के बाद चल रही जांच
- स्पेस स्टेशन के तकनीकी सिस्टम्स के बीच आपसी निर्भरता, जो नए दल के लिए पूरी तरह सुरक्षित होने चाहिए
- Falcon 9 रॉकेट में LOx (Liquid Oxygen) लीक जिसे ठीक करने के लिए और समय चाहिए
शुभांशु का अब तक का सफर
- शुभांशु शुक्ला ISS पर जाने वाले पहले और अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे।
- उन्होंने 8 जून को फुल ड्रेस रिहर्सल भी की थी, जिसमें रॉकेट तक जाने की पूरी प्रक्रिया का अभ्यास किया गया।
- अगर मिशन तय समय पर होता, तो 12 जून रात 10 बजे शुभांशु और उनकी टीम ISS पहुंच जाती।
मिशन Ax-4 का उद्देश्य
यह मिशन केवल एक अंतरिक्ष यात्रा नहीं, बल्कि भविष्य की अंतरिक्ष परियोजनाओं का आधार है:
मुख्य उद्देश्य:
- वैज्ञानिक प्रयोग: माइक्रोग्रेविटी में नए प्रयोग
- टेक्नोलॉजी परीक्षण: नई तकनीकों का अंतरिक्ष में परीक्षण
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग: चार देशों के एस्ट्रोनॉट एक साथ
- शैक्षणिक गतिविधियां: धरती पर जागरूकता और प्रेरणा
भविष्य की दिशा: एक्सियम स्टेशन की तैयारी
Ax-4 मिशन प्राइवेट स्पेस ट्रैवल को बढ़ावा देने और भविष्य के कॉमर्शियल स्पेस स्टेशन – एक्सियम स्टेशन की नींव तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा को लेकर देशभर में उत्साह है, लेकिन मिशन की बार-बार देरी ने उम्मीदों को थोड़ी देर के लिए रोक दिया है। हालांकि, सुरक्षा जांच और तकनीकी परीक्षणों के बाद यह मिशन जब भी लॉन्च होगा, वह भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ देगा।