by: vijay nandan
बड़ोदरा: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर गुजरात के एकता नगर में आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पुष्पांजलि अर्पित की और परेड की सलामी ली। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि सरदार पटेल ने जिस तरह 550 से अधिक रियासतों को भारत में मिलाया, उसी तरह वे चाहते थे कि पूरा कश्मीर भी भारत का हिस्सा बने, लेकिन राजनीतिक निर्णयों के कारण ऐसा नहीं हो सका। इसके चलते देश को दशकों तक विभाजन और अस्थिरता का सामना करना पड़ा।
You will love watching this part of the Ekta Parade, the air show… pic.twitter.com/3SzkMmdLS1
— Narendra Modi (@narendramodi) October 31, 2025
कांग्रेस की सोच पर प्रहार
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस को सत्ता के साथ-साथ गुलामी की मानसिकता अंग्रेजों से विरासत में मिली है। उन्होंने कहा कि जब अंग्रेजों ने 1905 में बंगाल को विभाजित किया था, तब ‘वंदे मातरम्’ राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बन गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा “जो काम अंग्रेज नहीं कर पाए, वह कांग्रेस ने कर दिया। उन्होंने वंदे मातरम् के धार्मिक हिस्से को हटाकर समाज को बांटने का काम किया और अंग्रेजी नीति को आगे बढ़ाया।

राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में महिला नेतृत्व
कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय एकता दिवस परेड की सलामी ली। परेड की सभी टुकड़ियों का नेतृत्व महिला अफसरों ने किया। BSF, CISF, ITBP, CRPF सहित 16 सुरक्षा बलों की टुकड़ियों ने भाग लिया। परेड में BSF के 16 पदक विजेता, CRPF के 5 शौर्य चक्र विजेता, और NSG, NDRF व अन्य राज्यों की झांकियां भी शामिल हुईं। कुल 10 झांकियों ने भारत की विविधता में एकता का प्रदर्शन किया।
गुजरात के केवडिया में गणतंत्र दिवस जैसी शानदार परेड देखने को मिली, इसमें वायुसेना की सूर्यकिरण टीम ने शानदार फ्लाई पास्ट किया। NSG का हेल मार्च, CRPF और गुजरात पुलिस की महिला विंग की राइफल ड्रिल, BSF का डॉग शो, और असम पुलिस का मोटरसाइकिल स्टंट शो आकर्षण का केंद्र रहे। एकता की शपथ और भारत पर्व की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल के विचार आज भी भारत की एकता और अखंडता के सबसे बड़े प्रेरणा स्रोत हैं। एकता नगर में 1 से 15 नवंबर तक भारत पर्व 2025 आयोजित किया जाएगा। इस दौरान देश की सांस्कृतिक विविधता, पारंपरिक कला और विरासत को प्रदर्शित करने वाले कार्यक्रम होंगे। हर शाम दो राज्य अपनी सांस्कृतिक पहचान से जुड़े विशेष आयोजन प्रस्तुत करेंगे।






 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		