BY: Yoganand Shrivastva
इंदौर | कांग्रेस ने शनिवार को पार्षद और नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे को इंदौर का नया शहर अध्यक्ष घोषित कर दिया। लेकिन इस फैसले के बाद से पार्टी के भीतर विरोध की आवाजें तेज हो गई हैं। महिला कांग्रेस और प्रवक्ताओं द्वारा नाराज़गी जताने के बाद अब कई अन्य नेता और कार्यकर्ता भी खुलकर सामने आने लगे हैं।
कार्यकर्ताओं का आरोप – पुराने सिपाहियों की अनदेखी
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि लंबे समय से पार्टी के लिए संघर्ष करने वाले नेताओं को नजरअंदाज कर दिया गया, जबकि चंद प्रभावशाली और आर्थिक रूप से मजबूत चेहरों को ही प्रमुख पदों पर बैठाया जा रहा है। इसको लेकर उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी से भी सीधे सवाल किए हैं।
विधानसभा क्षेत्र-2 को ही क्यों मिल रहे अहम पद?
सोशल मीडिया पर कार्यकर्ताओं ने लिखा—
- इंदौर जिले में कांग्रेस को सबसे कम वोट विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-2 से ही मिलते हैं।
- इसके बावजूद नेता प्रतिपक्ष, महिला कांग्रेस अध्यक्ष और अब शहर कांग्रेस अध्यक्ष जैसे प्रमुख पद इसी क्षेत्र के नेताओं को सौंपे गए।
- जबकि क्षेत्र क्रमांक-5 में कांग्रेस लगातार हारी जरूर है, लेकिन वहां वोट प्रतिशत सबसे ज्यादा बनाए रखा गया है और कभी भी भाजपा नेताओं से समझौता नहीं किया गया।
“सूची में नाम तक नहीं था”
कुछ नेताओं का आरोप है कि चिंटू चौकसे का नाम संगठन की सूची में तक नहीं था। वे तो खुद किसी और को शहर अध्यक्ष बनाने की पैरवी कर रहे थे, लेकिन अचानक उन्हें ही पद दे दिया गया। कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह नियुक्ति कांग्रेसजनों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है।
“यह सृजन नहीं, भावनाओं का विसर्जन है”
नाराज़ कार्यकर्ताओं ने बयान दिया कि पार्टी के भीतर ईमानदार और समर्पित कार्यकर्ताओं की कोई कद्र नहीं बची। कांग्रेस अब व्यक्तिगत गुटबाज़ी का केंद्र बनती जा रही है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर नाम पहले से तय था, तो कार्यकर्ताओं से रायशुमारी का नाटक क्यों किया गया?
यादव समाज ने भी खोला मोर्चा
शहर और जिला अध्यक्ष की नियुक्ति में यादव समाज को दरकिनार किए जाने पर अब समुदाय ने भी जीतू पटवारी के खिलाफ विरोध की तैयारी कर ली है। जल्द ही समाज की एक बैठक होगी जिसमें यह रणनीति तय की जाएगी कि पटवारी जिस भी विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे, वहां उनके खिलाफ खुला मोर्चा खोला जाएगा।
बैठक रविवार को ही होनी थी, लेकिन शहर अध्यक्ष पद के दावेदार दीपू यादव के बाहर होने के कारण इसे फिलहाल टाल दिया गया है।





