रायपुर, 28 फरवरी 2025
विधानसभा के बजट सत्र के बीच छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नए विवाद ने हलचल मचा दी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के निवास पर देर रात कुछ पुलिस अधिकारियों द्वारा रेकी करने के आरोप ने न केवल प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया, बल्कि विधानसभा की कार्यवाही को भी बाधित कर दिया। इस मुद्दे को लेकर सदन में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया, जिसके चलते कार्यवाही शुरू होने से पहले ही ठप हो गई।

कैसे शुरू हुआ विवाद?
गुरुवार देर रात रायपुर के देवेंद्र नगर स्थित कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के निवास के बाहर कुछ पुलिस अधिकारी और जवानों की मौजूदगी देखी गई। जैसे ही इस बात की जानकारी दीपक बैज को लगी, वे स्वयं बाहर आए और पुलिस अधिकारियों से पूछताछ करने लगे। बाद में पता चला कि दंतेवाड़ा एडिशनल एसपी के निर्देश पर थाना प्रभारी और जवान वहां पहुंचे थे।
इस घटना के बाद से प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई। कांग्रेस नेताओं ने इस मामले को गंभीर बताते हुए भाजपा सरकार पर जासूसी कराने और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया।
सदन में जमकर हंगामा, कांग्रेस विधायकों का बहिष्कार
विधानसभा सत्र के चौथे दिन विपक्षी कांग्रेस विधायकों ने इस मुद्दे को उठाते हुए सत्ता पक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने भाजपा सरकार पर जासूसी कराने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामा इतना बढ़ गया कि प्रश्नकाल शुरू ही नहीं हो पाया और कांग्रेस विधायक गर्भगृह में उतरकर विरोध प्रदर्शन करने लगे।
विधानसभा अध्यक्ष ने हंगामे को देखते हुए कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया। इसके बाद नाराज कांग्रेस विधायकों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया और गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन करने लगे।
कांग्रेस का आरोप: सरकार कर रही जासूसी
इस पूरे मामले पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने भाजपा सरकार पर सत्ता और प्रशासन के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके निवास के बाहर पुलिस की मौजूदगी दर्शाती है कि सरकार उनकी गतिविधियों की रेकी और जासूसी करवा रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,
“दंतेवाड़ा में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष बनने की स्थिति को लेकर भाजपा घबराई हुई है, इसलिए इस तरह की साजिशें रची जा रही हैं। सरकार विपक्षी नेताओं की जासूसी करवा रही है और यह लोकतंत्र की हत्या के समान है।”
सरकार का बचाव, भाजपा का पलटवार
वहीं, इस पूरे मामले पर संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा,
“अगर विपक्ष को कोई शंका थी तो वे इसे शून्यकाल में उठा सकते थे, लेकिन उन्होंने सदन में हंगामा कर कार्यवाही बाधित की। दीपक बैज चार चुनाव हार चुके हैं और अब बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। अगर उन्हें लगता है कि उनके लोगों के साथ अन्याय हो रहा है, तो उन्हें जनता के सामने जाना चाहिए।”
क्या है असल वजह?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, दंतेवाड़ा कांग्रेस जिला अध्यक्ष अवधेश गौतम पर दर्ज एफआईआर से जुड़े फरार आरोपी की तलाश के दौरान पुलिस दीपक बैज के निवास तक पहुंची थी। हालांकि, कांग्रेस इस स्पष्टीकरण को मानने को तैयार नहीं है और इसे साजिश करार दे रही है।
क्या होगा आगे?
सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करने के बाद कांग्रेस नेताओं ने पार्टी भवन में बैठक कर आगे की रणनीति तय की। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का अगला मोड़ क्या होगा और क्या सरकार विपक्ष के इन आरोपों का कोई ठोस जवाब देगी या यह मामला और तूल पकड़ेगा।