प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की बड़ी कार्रवाई, रियल एस्टेट कंपनी रामप्रस्थ ग्रुप की गुरुग्राम स्थित परियोजनाओं से जुड़ी 681 करोड़ की संपत्ति को किया जब्त।
🔍 मामले की पूरी जानकारी एक नजर में
- कंपनी का नाम: रामप्रस्थ ग्रुप
- कुल जब्त संपत्ति: ₹681.54 करोड़
- इलाके: गुरुग्राम के सेक्टर 37D, 92, 95 और आसपास के गांव
- जांच एजेंसी: प्रवर्तन निदेशालय (ED)
- आरोप: हजारों घर खरीदारों से ठगी, पैसे लेकर न घर दिए, न प्लॉट
🏗️ रामप्रस्थ ग्रुप पर क्या है आरोप?
रामप्रस्थ ग्रुप पर दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में हजारों घर खरीदारों से करोड़ों रुपये वसूलने के बाद घर या भूखंड न देने का आरोप है। यह मामला तब और गंभीर हो गया जब दिल्ली और हरियाणा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इस पर एफआईआर दर्ज की।
📌 ईडी ने किन संपत्तियों को किया जब्त?
प्रवर्तन निदेशालय ने जिन संपत्तियों को जब्त किया है, उनमें शामिल हैं:
- गुरुग्राम के सेक्टर 37डी, 92 और 95 में स्थित दो कॉलोनियों की 226 एकड़ जमीन
- बसई, गदौली कलां, हयातपुर और वजीरपुर गांवों में फैली करीब 1,700 एकड़ भूमि
👥 किन-किन लोगों पर कार्रवाई की गई?
ईडी की जांच के दायरे में हैं:
- अरविंद वालिया – रामप्रस्थ ग्रुप के प्रमोटर
- बलवंत चौधरी सिंह – सह-प्रमोटर
- संदीप यादव – वरिष्ठ अधिकारी
इन सभी पर लोगों से धन लेकर उन्हें घर या भूखंड न देने का आरोप है।
💸 2000 से ज्यादा खरीदारों से वसूले ₹1,100 करोड़
ईडी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 2008 से 2011 के बीच रामप्रस्थ ग्रुप ने निम्नलिखित प्रोजेक्ट लॉन्च किए:
- Project EDGE
- Project Skies
- Project Rise
- Ramprastha City
इन परियोजनाओं के तहत दो हजार से ज्यादा लोगों से करीब 1,100 करोड़ रुपये जुटाए गए। लेकिन आज, 17 साल बाद भी हजारों खरीदारों को न तो घर मिला, न प्लॉट।
इसके अलावा, आरोप है कि वसूल की गई राशि को कंपनी ने अपने अन्य समूह कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया, जो मनी लॉन्ड्रिंग की पुष्टि करता है।
🏛️ ईडी ने कैसे शुरू की जांच?
- आधार: दिल्ली और हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज FIR
- कानूनी प्रावधान: प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA)
- जांच एजेंसी: Enforcement Directorate (ED)
📉 रियल एस्टेट सेक्टर पर क्या पड़ेगा असर?
इस कार्रवाई का असर न केवल रामप्रस्थ ग्रुप पर पड़ेगा, बल्कि गुरुग्राम के रियल एस्टेट बाजार में भी इसका भरोसे पर असर पड़ सकता है। खासकर ऐसे समय में जब निवेशक पहले से ही परियोजनाओं की डिलीवरी को लेकर चिंतित हैं।
⚖️ अब आगे क्या?
- ईडी अब इस केस को आगे न्यायालय में पेश करेगी।
- खरीदारों को न्याय दिलाने के लिए कोर्ट के आदेश का इंतजार किया जा रहा है।
- हो सकता है संपत्ति की नीलामी कर वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाए।
📲 निष्कर्ष: सावधानी ही सुरक्षा है
रियल एस्टेट में निवेश करने से पहले निम्न बातों का रखें ध्यान:
- प्रोजेक्ट की RERA रजिस्ट्रेशन जांचें
- बिल्डर की साख व पिछला रिकॉर्ड देखें
- एग्रीमेंट पढ़कर ही कोई भुगतान करें
- किसी भी प्रोजेक्ट में पैसा लगाने से पहले कानूनी सलाह जरूर लें