कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक महत्वपूर्ण पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने दलित-OBC छात्रों के लिए दो अहम मुद्दों पर ध्यान देने की अपील की है।
राहुल गांधी ने अपने पत्र में खासतौर पर दलित, OBC, ST, EBC और अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों को लेकर चिंता जाहिर की है। पत्र में उन्होंने छात्रावासों की खराब हालत और स्कॉलरशिप में हो रही देरी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया।
बिहार के छात्रों का हवाला, दरभंगा हॉस्टल दौरे का जिक्र
राहुल गांधी ने अपने पत्र में बताया कि उन्होंने 15 मई को बिहार के दरभंगा में अंबेडकर छात्रावास का दौरा किया था। वहां छात्रों ने उन्हें बताया कि:
- एक कमरे में 6-7 छात्रों को रहने के लिए मजबूर किया जाता है
- शौचालयों की सफाई नहीं होती
- पीने के पानी की व्यवस्था खराब है
- मेस की सुविधाएं बेहद सीमित हैं
यह स्थिति केवल बिहार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देशभर के हॉस्टलों की आम समस्या बन चुकी है।
स्कॉलरशिप में देरी और गिरती संख्या पर चिंता
राहुल गांधी ने अपने पत्र में पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप के वितरण में देरी का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया:
- बिहार में स्कॉलरशिप पोर्टल तीन साल तक निष्क्रिय रहा
- 2021-22 में किसी भी छात्र को स्कॉलरशिप नहीं मिल पाई
- स्कॉलरशिप की राशि बहुत कम है, जिससे छात्रों को पर्याप्त सहायता नहीं मिल पाती
सबसे गंभीर बात यह है कि दलित छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप की संख्या लगभग आधी हो गई है।
- 2023 में संख्या थी: 1.36 लाख
- 2024 में घटकर रह गई: 0.69 लाख
राहुल गांधी की प्रधानमंत्री से दो प्रमुख मांगें
राहुल गांधी ने पीएम मोदी से आग्रह किया है कि सरकार तत्काल इन दो मुद्दों पर कार्रवाई करे:
- हॉस्टलों की स्थिति में सुधार:
दलित, ST, OBC, EBC और अल्पसंख्यक छात्रों के हॉस्टलों की साफ-सफाई, पीने के पानी और भोजन की व्यवस्था दुरुस्त की जाए। - स्कॉलरशिप वितरण में पारदर्शिता और समयबद्धता:
छात्रवृत्ति समय पर मिले, और इसकी राशि में यथोचित वृद्धि की जाए ताकि छात्रों को वास्तविक सहायता मिल सके।
भारत की प्रगति छात्रों की तरक्की से जुड़ी है
पत्र के अंत में राहुल गांधी ने लिखा,
“जब तक हमारे समाज के निचले तबके के युवा आगे नहीं बढ़ेंगे, तब तक भारत प्रगति नहीं कर सकता। मैं आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहा हूं।”
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राहुल गांधी का यह पत्र उन मुद्दों को उजागर करता है, जिनका सीधा असर देश के करोड़ों वंचित और पिछड़े तबके के छात्रों की शिक्षा पर पड़ता है। बेहतर हॉस्टल सुविधा और समय पर स्कॉलरशिप न केवल छात्रों की पढ़ाई को आसान बनाएगी, बल्कि समाज में समानता और सशक्तिकरण की दिशा में भी यह एक जरूरी कदम होगा।





