Mohit Jain
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भारत की प्रमुख निजी अंतरिक्ष स्टार्टअप कंपनी स्काईरूट एयरोस्पेस के अत्याधुनिक ‘इनफिनिटी कैंपस’ का उद्घाटन किया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कंपनी के प्रथम ऑर्बिटल लॉन्च वाहन ‘विक्रम-I’ का भी अनावरण किया, जो उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करने की क्षमता रखता है।
स्काईरूट की उपलब्धि-निजी क्षेत्र में नई छलांग
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, पीएम मोदी ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों की बढ़ती भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि देश अंतरिक्ष के सबसे परिवर्तनकारी दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा:
“आज भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्र एक बड़ी छलांग लगा रहा है। स्काईरूट का इनफिनिटी कैंपस नई सोच, नवाचार और युवा ऊर्जा का प्रतीक है।”
Speaking at the inauguration of Skyroot’s Infinity Campus. It is a significant leap forward for India’s space sector and its future. @SkyrootA https://t.co/EcLEWEcdIx
— Narendra Modi (@narendramodi) November 27, 2025
इनफिनिटी कैंपस की खासियतें
स्काईरूट एयरोस्पेस का यह अत्याधुनिक इनफिनिटी कैंपस भारत के लिए अंतरिक्ष निर्माण और नवाचार का एक बड़ा केंद्र बनने जा रहा है।
- परिसर का कुल क्षेत्रफल लगभग 2 लाख वर्ग फीट है।
- इसे विशेष रूप से लॉन्च व्हीकल डिजाइन, डेवलपमेंट, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग के लिए तैयार किया गया है।
- यह सुविधा हर महीने एक कक्षीय रॉकेट तैयार करने की क्षमता रखती है, जिससे भारत की अंतरिक्ष बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ेगी।

विक्रम-I: भारत के निजी स्पेस सेक्टर का नया मील का पत्थर
विक्रम-I स्काईरूट की “विक्रम सीरीज़” का पहला कक्षीय रॉकेट है।
- यह उपग्रहों को निम्न पृथ्वी कक्षा (LEO) में स्थापित कर सकता है।
- यह पूरी तरह निजी क्षेत्र द्वारा विकसित भारत का पहला ऑर्बिटल लॉन्च व्हीकल बन रहा है।
कंपनी के संस्थापक-ISRO के पूर्व वैज्ञानिक
स्काईरूट एयरोस्पेस की स्थापना पवन चंदना और भरत ढाका ने की, जो दोनों पहले इसरो में वैज्ञानिक रह चुके हैं और IIT के पूर्व विद्यार्थी हैं।
कंपनी ने 2022 में विक्रम-एस रॉकेट लॉन्च करके इतिहास रचा था, जिससे स्काईरूट भारत की पहली निजी कंपनी बनी जिसने अंतरिक्ष में रॉकेट लॉन्च किया।
स्काईरूट के इनफिनिटी कैंपस के शुरू होने और विक्रम-I के अनावरण के बाद भारत के निजी स्पेस सेक्टर में नई ऊर्जा और प्रतिस्पर्धा आने की उम्मीद है।





