BY: Yoganand Shrivastva
हिमाचल प्रदेश: उत्तर भारत के कई हिस्सों में हाल ही में हुई भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हिमाचल प्रदेश पहुंचे और बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान उन्होंने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के कर्मियों से मुलाकात कर राहत कार्यों की जानकारी ली।
पीएम मोदी ने साझा की तस्वीरें
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर दौरे की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “हवाई सर्वेक्षण के जरिए हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और लैंडस्लाइड की स्थिति का जायजा लिया। इस कठिन समय में हम प्रदेशवासियों के साथ मजबूती से खड़े हैं और प्रभावित लोगों की मदद के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं।”
दौरे का कार्यक्रम
प्रधानमंत्री ने मंडी और कुल्लू जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया और उसके बाद कांगड़ा पहुंचे। गग्गल एयरपोर्ट पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के साथ-साथ विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल और अन्य विधायक मौजूद थे।
बाढ़ और बारिश से हुए नुकसान का आंकड़ा
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 20 जून से 8 सितंबर तक हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन के कारण कुल 4,122 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस दौरान 370 लोगों की मौत हुई, जिनमें 205 बारिश से जुड़ी घटनाओं में, 43 भूस्खलन में, 17 बादल फटने से और 9 अचानक आई बाढ़ के कारण हुई। इसके अलावा, 41 लोग अभी भी लापता हैं, जबकि सड़क हादसों में 165 लोगों की जान गई।
मुख्यमंत्री ने उठाए महत्वपूर्ण मुद्दे
प्रधानमंत्री के आगमन से पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वन संरक्षण अधिनियम में छूट देने का आग्रह किया, ताकि मानसून आपदा से भूमिहीन हुए लोगों को वन भूमि उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य अपने प्रियजनों को खोने, मलबे में दबने और बुनियादी ढांचे के व्यापक नुकसान का दर्द झेल रहा है। सीएम ने प्रधानमंत्री से यह भी चर्चा करने का आग्रह किया कि पहाड़ी राज्यों में अपनाया जा रहा विकास मॉडल टिकाऊ है या नहीं और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से पहाड़ों को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है।





