BY: Yoganand Shrivastva
भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि को लेकर एक बार फिर तनाव गहराता जा रहा है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इसहाक डार ने एक इंटरव्यू में भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि भारत की किसी भी कार्रवाई से पाकिस्तान में जल संकट पैदा होता है, तो इसे वह “युद्ध की कार्रवाई” मानेगा।
डार का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाए हैं।
क्या कहा पाक विदेश मंत्री ने?
पाकिस्तानी विदेश मंत्री इसहाक डार ने एक इंटरव्यू में:
- सिंधु जल संधि को लेकर भारत की नीतियों पर सवाल उठाए।
- दावा किया कि यदि भारत के कारण जल संकट होता है, तो यह “युद्ध समान कार्रवाई” होगी।
- भारत के आम नागरिकों पर हमलों को “आत्मरक्षा” की कार्रवाई बताया।
- दावा किया कि पाकिस्तान ने 5 भारतीय फाइटर जेट मार गिराए, जिनमें 3 राफेल भी थे — हालांकि इस दावे के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया गया।
भारत का कड़ा जवाब: न्यूक्लियर ब्लैकमेल नहीं सहेगा देश
इस विवाद के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी।
पीएम मोदी के प्रमुख बयान:
- भारत अब न्यूक्लियर ब्लैकमेल की आड़ में आतंक को बर्दाश्त नहीं करेगा।
- भारत की सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक और अब ऑपरेशन सिंदूर — सभी आतंक के खिलाफ भारत की नीति का हिस्सा हैं।
- भारत की आर्मी, एयरफोर्स, नेवी, BSF और अर्धसैनिक बल पूरी तरह सतर्क हैं।
- हर उस ठिकाने पर हमला किया जाएगा, जहां से आतंक की जड़ें निकलती हैं।
‘ऑपरेशन सिंदूर’: आतंक के खिलाफ भारत की नई नीति
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी रुका नहीं है, बल्कि “होल्ड पर है“।
भारत अपनी शर्तों पर, अपने तरीके से, और सटीक लक्ष्य पर कार्रवाई करेगा।
इस ऑपरेशन के तहत:
- आतंक के गढ़ों पर सीधा हमला किया गया।
- सीमाओं पर सख्ती और सुरक्षा को नई ऊंचाई दी गई है।
- पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक नीति पर चल रहा है।
सिंधु जल संधि पर तनाव: क्यों है यह अहम मुद्दा?
सिंधु जल संधि – एक नज़र:
- 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता से यह संधि हुई थी।
- इसमें भारत को पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास, सतलज) पर अधिकार और पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी।
भारत की चिंता:
- पाकिस्तान बार-बार इस संधि का राजनीतिक उपयोग करता है।
- आतंक के खिलाफ कार्रवाई के समय इस संधि को राजनीतिक हथियार की तरह प्रस्तुत किया जाता है।
भारत-पाक सेना के DGMO के बीच बातचीत
तनाव के बीच भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) के बीच हॉटलाइन पर बातचीत हुई।
पाकिस्तान ने दावा किया कि वह सीमा पार से कोई गोली नहीं चलाएगा, लेकिन भारत की तरफ से कड़ी निगरानी और चौकसी जारी है।