रिपोर्ट: सुजीत मंडल, एडिट- विजय नंदन
पखांजूर: दिवाली का त्यौहार निकल गया। लेकिन लक्ष्मीपुर गांव के लोग अब भी बिजली की एक झलक के लिए तरस रहे हैं। बताया जा रहा है कि पिछले कई दिनों से गांव का ट्रांसफार्मर खराब है, लेकिन बिजली विभाग के अधिकारी अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार शिकायतें कीं, लेकिन विभाग की ओर से केवल आश्वासन ही मिला। इसका असर यह हुआ कि दिवाली का त्यौहार गांव में अंधेरे में ही मनाया गया ना दीपक जल सके, ना सजावट का आनंद लिया जा सका।
ग्रामीणों में अब भारी आक्रोश है और वे मांग कर रहे हैं कि बिजली तत्काल बहाल की जाए। उनका कहना है कि विभाग की इस लापरवाही के कारण उनका सामान्य जीवन प्रभावित हो रहा है। इस मामले में बिजली विभाग से भी प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

पंखाजूर के लक्ष्मीपुर गांव में पिछले कई दिनों से ट्रांसफार्मर खराब होने के बावजूद बिजली विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे ग्रामीण दिवाली जैसे बड़े त्यौहार पर भी अंधेरे में रहने को मजबूर हुए।
अधिकारियों की उदासीनता: ग्रामीणों की बार-बार शिकायतों के बावजूद विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्राथमिकता सूची में इस क्षेत्र को पर्याप्त महत्व नहीं दिया गया।
संसाधन समस्या: ट्रांसफार्मर बदलने या रिपेयर करने के लिए आवश्यक उपकरण या तकनीकी टीम समय पर उपलब्ध नहीं हो रही है।
प्रक्रियात्मक देरी: विभागीय प्रक्रियाओं में लंबी समयावधि और मंजूरी की देरी भी इसका एक बड़ा कारण मानी जा रही है।
स्थानीय प्रशासन और विभाग के बीच समन्वय की कमी: कई बार विभाग और पंचायत के बीच समन्वय न होने के कारण कार्य ठप पड़ जाता है। ग्रामीण अब बिजली विभाग से तत्काल समाधान और ट्रांसफार्मर बदलने की मांग कर रहे हैं। वहीं सवाल उठता है कि क्या विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह विफल है, या केवल प्रक्रियागत बाधाओं के कारण काम धीमा है।





