BY: Yoganand Shrivastava
सिंगरौली, मध्य प्रदेश — “जहां चाह, वहां राह”— इस कहावत को साकार किया है सिंगरौली जिले की प्रज्ञा जायसवाल ने, जिन्होंने MP बोर्ड की 10वीं परीक्षा में 500 में से पूरे 500 अंक हासिल करके पूरे राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। खास बात यह है कि यह शानदार उपलब्धि उन्होंने बिना किसी कोचिंग या ट्यूशन की मदद के हासिल की है।
साधारण पृष्ठभूमि से असाधारण उपलब्धि
प्रज्ञा एक सामान्य ग्रामीण परिवेश से आती हैं। उनके माता-पिता दोनों ही सरकारी स्कूलों में शिक्षक हैं। उन्होंने सिंगरौली जिले के निगरी गांव स्थित एक निजी स्कूल से पढ़ाई की और पूरी तरह पाठ्यपुस्तकों के सहारे अपनी तैयारी की। न कोई ट्यूशन, न कोई कोचिंग—सिर्फ खुद पर भरोसा और कड़ी मेहनत का ही यह परिणाम है।
CM ने घोषित किया था रिजल्ट, लाखों विद्यार्थियों ने दी परीक्षा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में MP बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं के नतीजों की घोषणा की थी। इस वर्ष करीब 16 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी, जिसमें 10वीं का कुल परिणाम 76.22% और 12वीं का 74.28% रहा। ऐसे में 100% अंक हासिल कर टॉप करना अपने आप में एक अनोखी उपलब्धि है।
अनुशासन, आत्मविश्वास और मेहनत बनीं सफलता की कुंजी
प्रज्ञा बताती हैं कि उन्होंने रोज़ाना स्कूल में पढ़ाई को गंभीरता से लिया और पुस्तकें ही उनकी सबसे बड़ी मार्गदर्शक रहीं। वे मानती हैं कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और आत्मविश्वास मजबूत हो, तो किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।
अब है IAS बनने का सपना
अपनी इस सफलता के बाद प्रज्ञा की नजर अब भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) पर है। वे कहती हैं, “मैं देश के लिए काम करना चाहती हूं। मेरा सपना है IAS बनना और मैं इसके लिए पूरी निष्ठा से मेहनत करूंगी।”
हर छात्र के लिए प्रेरणा हैं प्रज्ञा
प्रज्ञा जायसवाल की कहानी उन लाखों विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखने की हिम्मत रखते हैं। उनकी मेहनत यह साबित करती है कि सफलता सुविधाओं की मोहताज नहीं होती—अगर जज़्बा और समर्पण हो, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं।