लेखक: योगानंद श्रीवास्तव
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुआ आतंकी हमला सिर्फ एक हमला नहीं था, बल्कि भारत की आत्मा पर चोट करने की कोशिश थी। इस हमले में कई निर्दोष नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान गंवाई। जैसे ही हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों ने ली, भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में फिर से तनाव चरम पर पहुंच गया।
भारत का पहला जवाब: पानी रोको नीति
इस बार भारत ने परंपरागत डिप्लोमैटिक विरोध की जगह “वाटर वॉर” यानी पानी रोकने की रणनीति अपनाई। सिंधु जल संधि के तहत भारत को मिलने वाले अधिकारों का प्रयोग करते हुए भारत ने पाकिस्तान की ओर जाने वाले अतिरिक्त जल को रोकना शुरू किया। इसका असर पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में देखने को मिला ।
पाकिस्तान ने इसे युद्ध की शुरुआत मानते हुए तीखी प्रतिक्रियाएं दीं। पाकिस्तान के मंत्री ने बयान दिया कि “अगर भारत ने पानी रोका तो खून की नदियां बहा देंगे।” इसके बाद कई पाकिस्तानी सैन्य और राजनीतिक चेहरों ने परमाणु हमले तक की धमकियां देना शुरू कर दीं।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की निर्णायक सैन्य कार्रवाई
6 मई की रात भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के नाम से एक गुप्त लेकिन तीव्र सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया। भारतीय सेना ने न सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoJK) में मौजूद आतंकियों के नौ ठिकानों को तबाह किया, बल्कि लाहौर के पास स्थित पाकिस्तान का आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम भी ध्वस्त कर दिया।
इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के दर्जनों आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। सबसे बड़ी सफलता यह रही कि IC-814 कंधार हाईजैक के मास्टरमाइंड और मसूद अजहर के भाई रऊफ अजहर को भी इस ऑपरेशन में ढेर कर दिया गया।
पाकिस्तान क्यों आया बैकफुट पर?
- दबाव में सेना और जनता: भारतीय सेना की इस अचानक और सटीक कार्रवाई से पाकिस्तान की सेना सकते में आ गई। उनका दावा था कि उनका HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम किसी भी मिसाइल या ड्रोन को इंटरसेप्ट कर सकता है, लेकिन वह पूरी तरह फेल साबित हुआ।
- अंतरराष्ट्रीय दबाव: पाकिस्तान की धमकियों के उलट भारत ने संयम और सटीक रणनीति का परिचय देते हुए ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिससे दुनिया की सहानुभूति भारत के पक्ष में रही। अमेरिका, फ्रांस और जापान जैसे देशों ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को जायज ठहराया।
- आर्थिक हालत बेहद कमजोर: IMF से मदद मांग रहे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इतनी कमजोर है कि वह किसी भी लंबी लड़ाई का जोखिम नहीं उठा सकता।
क्या पाकिस्तान फिर से हमला करेगा?
पाकिस्तान की हालिया स्थिति को देखते हुए दो संभावनाएं बनती हैं:
- सीमा पर छोटे हमलों की कोशिश: पाकिस्तान के आतंकी संगठन छोटे स्तर पर घुसपैठ और IED ब्लास्ट जैसे हमलों का प्रयास कर सकते हैं।
- बड़ी जंग की संभावना बेहद कम: फिलहाल पाकिस्तान अंदरूनी दबाव और अंतरराष्ट्रीय आलोचना से इतना घिरा है कि वह सीधे युद्ध जैसी स्थिति में नहीं जाना चाहेगा। लेकिन भारत की सतर्कता और जवाबी तैयारी पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो चुकी है।
ऑपरेशन सिंदूर ने ये साबित कर दिया कि भारत अब सिर्फ सहने वाला नहीं, बल्कि जवाब देने वाला देश बन चुका है। पाकिस्तान की पुरानी चालें अब काम नहीं आने वालीं। इस ऑपरेशन के बाद भारत ने न सिर्फ आतंकियों को मार गिराया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि अब हर हमले का जवाब सीधा, स्पष्ट और घातक होगा।