BY: MOHIT JAIN
भारत में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य संवैधानिक पदों की शपथ का अपना एक तय नियम और प्रक्रिया होती है। हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के 15वें उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन को शपथ दिलाई। इससे पहले उन्होंने 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी शपथ दिलाई थी। ऐसे में अक्सर लोगों के मन में सवाल उठता है कि देश के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों को आखिर शपथ कौन दिलाता है। आइए जानते हैं विस्तार से।
राष्ट्रपति को शपथ कौन दिलाता है
राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक होता है और इसका पद सबसे अहम माना जाता है। संविधान के अनुच्छेद 60 के तहत राष्ट्रपति को शपथ दिलाने का अधिकार सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के पास होता है। यदि मुख्य न्यायाधीश उपलब्ध न हों तो सुप्रीम कोर्ट का कोई अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीश यह जिम्मेदारी निभा सकता है।
उपराष्ट्रपति को शपथ कौन दिलाता है
संविधान के अनुच्छेद 69 के अनुसार उपराष्ट्रपति को शपथ राष्ट्रपति दिलाते हैं। अगर राष्ट्रपति उपलब्ध न हों तो राष्ट्रपति द्वारा नामित कोई अन्य व्यक्ति यह कार्य कर सकता है। सी.पी. राधाकृष्णन ने भी राष्ट्रपति भवन में द्रौपदी मुर्मू के समक्ष शपथ ली।
प्रधानमंत्री को शपथ कौन दिलाता है
प्रधानमंत्री देश की कार्यपालिका का प्रमुख होता है। संविधान के अनुच्छेद 75 में इस बारे में प्रावधान किया गया है कि प्रधानमंत्री को शपथ राष्ट्रपति दिलाते हैं। यही कारण है कि 2024 में प्रधानमंत्री मोदी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई थी।
मुख्यमंत्री को शपथ कौन दिलाता है
राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री को शपथ दिलाने का अधिकार राज्यपाल के पास होता है। संविधान का अनुच्छेद 164 राज्यपाल को यह शक्ति देता है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को शपथ कौन दिलाता है
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को शपथ दिलाने का अधिकार राष्ट्रपति के पास होता है। यह प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत किया गया है।
राज्यपाल को शपथ कौन दिलाता है
राज्यपाल को शपथ दिलाने की जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित किसी अन्य सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के पास होती है। अनुच्छेद 159 इसके लिए प्रावधान करता है। उपराज्यपाल के लिए भी यही नियम लागू होता है।
सांसदों को शपथ कौन दिलाता है
लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों को भी शपथ की प्रक्रिया संविधान की तीसरी अनुसूची के तहत तय है।
- लोकसभा में आमतौर पर प्रोटेम स्पीकर (अस्थायी अध्यक्ष) नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाते हैं।
- राज्यसभा में उपराष्ट्रपति (जो राज्यसभा के सभापति भी होते हैं) या उनके द्वारा नामित व्यक्ति यह जिम्मेदारी निभाते हैं।
भारत के संविधान में हर उच्च पदाधिकारी के लिए शपथ की स्पष्ट और निर्धारित प्रक्रिया दी गई है। इससे न केवल व्यवस्था पारदर्शी रहती है, बल्कि संवैधानिक परंपराओं की निरंतरता भी बनी रहती है।





