BY: Yoganand Shrivastva
सुकमा जिले के कोन्टा थाना क्षेत्र में रविवार को सुरक्षाबलों पर नक्सलियों ने एक बार फिर जानलेवा हमला किया। गश्त के दौरान सुरक्षाबलों की टीम प्रेशर आईईडी की चपेट में आ गई, जिसमें कोंटा के एडिशनल एसपी आकाश राव गिरिपंजे शहीद हो गए, जबकि कई जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों का इलाज जारी है।
कहाँ हुआ हमला और कैसे?
घटना कोंटा-एर्राबोरा मार्ग पर डोंड्रा गांव के पास की है, जहां प्रेशर आईईडी को विस्फोट से उड़ा दिया गया। एडिशनल एसपी आकाश राव गिरिपंजे मौके पर ही गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। अन्य घायलों की हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
भारत बंद से पहले बढ़ी नक्सली हलचल
सीपीआई (माओवादी) द्वारा 10 जून को भारत बंद की घोषणा के बाद नक्सली गतिविधियों की आशंका के चलते सुरक्षाबलों ने इलाके में सघन गश्त शुरू की थी। इसी दौरान यह हमला हुआ। गश्ती दल की यह कार्रवाई नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संभावित हमलों को रोकने के उद्देश्य से की जा रही थी।
बस्तर आईजी पी. सुंदरराज की प्रतिक्रिया
आईजी पी. सुंदरराज ने जानकारी दी कि एएसपी आकाश राव गिरिपंजे क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों की रोकथाम के लिए पैदल गश्त पर थे। उन्होंने बताया,
“घायलों को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। अफसोस की बात है कि एएसपी को नहीं बचाया जा सका। अन्य घायलों की हालत फिलहाल खतरे से बाहर है।”
सुकमा एसपी ने दी विस्तृत जानकारी
सुकमा के एसपी किरण चौहान के अनुसार, ब्लास्ट में कोन्टा थाना प्रभारी (TI) और एसडीपीओ भी घायल हुए हैं। इस हमले ने एक बार फिर क्षेत्र में नक्सलवाद की खतरनाक हकीकत को उजागर कर दिया है। पुलिस और केंद्रीय बलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है।
बढ़ती नक्सली हिंसा: एक गंभीर चुनौती
इस घटना ने साफ कर दिया है कि नक्सली संगठन अब भी सुरक्षा बलों के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं। भारत बंद के पहले हुई इस घटना का मकसद सुरक्षा एजेंसियों को डराना और हिंसा का माहौल पैदा करना है।
महत्वपूर्ण तथ्य एक नजर में
| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| स्थान | डोंड्रा गांव, कोंटा-एर्राबोरा मार्ग, सुकमा |
| घटना | प्रेशर IED ब्लास्ट |
| शहीद | एडिशनल एसपी आकाश राव गिरिपंजे |
| घायल | टीआई, एसडीपीओ सहित अन्य जवान |
| संदर्भ | CPI (माओवादी) द्वारा 10 जून को भारत बंद की घोषणा |
सुरक्षा बलों की तैयारी
हमले के बाद पूरे क्षेत्र में तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है। स्थानीय पुलिस, डीआरजी और सीआरपीएफ की टीमें हाई अलर्ट पर हैं। आसपास के गांवों में संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी बढ़ा दी गई है।





