मध्यप्रदेश में एक बार फिर से मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है। सोमवार सुबह से राजधानी भोपाल में तेज बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने राज्य के 17 जिलों में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। इनमें इंदौर और उज्जैन संभाग प्रमुख रूप से शामिल हैं, जो अब तक बारिश के आंकड़ों में पीछे चल रहे थे।
इस बारिश से इन जिलों को बड़ी राहत मिलेगी। वहीं, ग्वालियर और जबलपुर में भी अगले 24 घंटे में झमाझम बारिश की संभावना जताई गई है।
किन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट?
मौसम विभाग ने जिन 17 जिलों में चेतावनी दी है, उनमें शामिल हैं:
- इंदौर
- उज्जैन
- देवास
- सीहोर
- खरगोन
- खंडवा
- हरदा
- बुरहानपुर
- नर्मदापुरम
- बैतूल
- छिंदवाड़ा
- पांढुर्णा
- सिवनी
- बालाघाट
- मंडला
- डिंडौरी
- अनूपपुर
यहां अगले 24 घंटे में 2.5 से 4.5 इंच तक बारिश हो सकती है।
आगे का मौसम कैसा रहेगा?
- 2 और 3 सितंबर: प्रदेश के कई हिस्सों में तेज बारिश की संभावना।
- 4 सितंबर: ग्वालियर-चंबल में भारी बारिश का अलर्ट।
मानसून एक्टिव क्यों है?
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार:
- प्रदेश के बीचोंबीच से मानसून ट्रफ लाइन गुजर रही है।
- रविवार को तीन जगहों पर साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय रहा।
- यही कारण है कि कई जिलों में लगातार भारी बारिश दर्ज की जा रही है।
रविवार को कहां-कहां बरसी बारिश?
- रतलाम: 1 इंच से ज्यादा
- गुना: लगभग 0.75 इंच
- पचमढ़ी: 0.5 इंच
- इसके अलावा भोपाल, इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, छतरपुर, दतिया, मुरैना, रायसेन, विदिशा, सीहोर, बैतूल और सीधी सहित 18 जिलों में बारिश हुई।
बारिश से हालात:
- उज्जैन में कार सवार पुलिया से बह गए, लोगों ने मुश्किल से बचाया।
- गंभीर डैम का एक गेट खोला गया।
- नर्मदापुरम में तवा डैम के तीन गेट खुले।
- रायसेन में 80 फीट ऊंचे राहतगढ़ वाटरफॉल से पानी गिरता रहा।
- दतिया में बिजली गिरने से एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई।
अब तक एमपी में कितनी बारिश हुई?
- प्रदेश में औसतन 37.1 इंच बारिश हो चुकी है।
- पिछले साल औसत 44 इंच बारिश दर्ज की गई थी।
सबसे ज्यादा बारिश वाले जिले:
- गुना: 55.4 इंच
- मंडला: 54 इंच
- श्योपुर: 51.5 इंच
- अशोकनगर: 51.1 इंच
- रायसेन: 50.5 इंच
सबसे कम बारिश वाले जिले:
- शाजापुर: 21 इंच
- इंदौर: 21.2 इंच
- खरगोन: 21.6 इंच
- खंडवा: 22.9 इंच
- उज्जैन: 23.8 इंच
मध्यप्रदेश में मानसून एक बार फिर एक्टिव हो गया है। आने वाले 3-4 दिन राज्य के कई जिलों के लिए अहम साबित होंगे। खासकर इंदौर और उज्जैन संभाग, जहां अब तक कम बारिश हुई है, वहां झमाझम से राहत मिलेगी। हालांकि, नदी-नालों के उफान और बिजली गिरने जैसी घटनाओं को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।