मध्यप्रदेश में इस मानसून सीजन में बारिश का दौर सामान्य से कहीं अधिक रहा है। अब तक 28.6 इंच पानी गिर चुका है, जो सामान्य से 47% ज्यादा है। वहीं, कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बने हैं, जिससे जनजीवन पर गहरा असर पड़ा है।
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मध्यप्रदेश में बारिश का हाल
- मानसून की शुरुआत 16 जून को हुई थी।
- औसतन 19.5 इंच बारिश की उम्मीद थी, लेकिन अब तक 28.6 इंच हो चुकी है।
- यानी सामान्य से 9.1 इंच अधिक।
- यह कुल सीजनल कोटे का 77% है।
पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों का हाल
- पूर्वी एमपी (जबलपुर, सागर, शहडोल, रीवा संभाग): औसत से 51% अधिक बारिश।
- पश्चिमी एमपी (भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल, नर्मदापुरम): औसत से 43% अधिक बारिश।
भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार:
- 10 अगस्त तक हल्की बूंदाबांदी का दौर जारी रहेगा।
- अगस्त के दूसरे सप्ताह से तेज बारिश शुरू होगी और महीने के अंत तक जारी रहने की संभावना है।
- रक्षाबंधन पर भारी बारिश की संभावना कम, लेकिन स्वतंत्रता दिवस पर जोरदार बारिश की उम्मीद।
जिलावार बारिश का आंकड़ा
- गुना: 45.8 इंच
- निवाड़ी: 45.1 इंच
- मंडला-टीकमगढ़: 44 इंच
- अशोकनगर: 42 इंच
- विदिशा, जबलपुर, नरसिंहपुर, बालाघाट, सागर आदि: 30 इंच से अधिक
- सबसे कम: इंदौर (11 इंच), बुरहानपुर (11.1), बड़वानी (11.5), खरगोन (11.8), खंडवा (12.8)
बाढ़ और नुकसान का असर
बारिश ने प्रदेश में बड़ी तबाही भी मचाई है।
- जून-जुलाई में 275 लोगों की मौत।
- 1657 पशुओं की मृत्यु।
- 254 से अधिक सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त।
- 3980 मकानों को नुकसान, जिनमें से 293 पूरी तरह ढह गए।
हालात सबसे ज्यादा बिगड़े
- जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में।
- रायसेन में बेतवा नदी ने विकराल रूप लिया, डैम और पुल डूब गए।
- उत्तर प्रदेश के चित्रकूट तक यमुना नदी के उफान का असर पहुंचा।
आगे का अनुमान
- मानसून को अभी करीब 2 महीने बचे हैं।
- मौसम विभाग का कहना है कि अगस्त में ही बारिश का पूरा कोटा पूरा हो जाएगा।
- इस बार प्रदेश में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना जताई गई है।
- मध्यप्रदेश की औसत सामान्य बारिश 37 इंच है।