मध्यप्रदेश में एक बार फिर मानसून का कहर देखने को मिल रहा है। पूर्वी हिस्से के जिलों में भारी बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। जबलपुर, मंडला, डिंडौरी, टीकमगढ़ जैसे इलाकों में नदियां उफान पर हैं, सड़कें डूबी हुई हैं और कई जगहों पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहे हैं।
किस वजह से हो रही है भारी बारिश?
मौसम विभाग के अनुसार, तीन कारणों से प्रदेश में मौसम बिगड़ा हुआ है:
- मानसून ट्रफ बीकानेर, जयपुर होते हुए एमपी के दतिया और सीधी से गुजर रही है।
- एक अन्य ट्रफ लाइन बंगाल की खाड़ी की ओर जा रही है।
- साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम भी प्रदेश में सक्रिय है।
इन तीनों सिस्टम के कारण मध्यप्रदेश में 8 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
28 जिलों में रेड और येलो अलर्ट
अति भारी बारिश वाले जिले (ऑरेंज अलर्ट):
- जबलपुर, मंडला, बालाघाट, कटनी, दमोह
- नरसिंहपुर, विदिशा, सीहोर, रायसेन, नर्मदापुरम
इन जिलों में 8 इंच तक बारिश की संभावना है।
भारी बारिश वाले जिले (येलो अलर्ट):
- भोपाल, गुना, अशोकनगर, राजगढ़, रतलाम
- उज्जैन, इंदौर, देवास, हरदा, बैतूल, पांढुर्णा
- छिंदवाड़ा, सिवनी, सागर, उमरिया, शहडोल, डिंडौरी, अनूपपुर
बाढ़ जैसे हालात और नुकसान
नरसिंहपुर:
- स्टेट हाईवे-22 पर बंदेसुर-बटेसरा के बीच पुलिया धंसी।
- श्रीनगर-उमरिया मार्ग बंद, ग्रामीण परेशान।
- करेली-गाडरवारा हाईवे का संपर्क टूटा।
मंडला:
- नेशनल हाईवे-30 पर लैंडस्लाइड, जबलपुर-मंडला मार्ग बंद।
- नर्मदा नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर पर।
- गांवों में पानी घुसने से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।
डिंडौरी:
- सिवनी नदी का पानी पुल पर, जबलपुर-अमरकंटक हाईवे बंद।
- जोगी टिकरिया पुल के पास मंदिर डूबा।
- 5 जुलाई को स्कूल बंद घोषित।
टीकमगढ़:
- जेल रोड पर गर्ल्स हॉस्टल में पानी भरने से छात्राओं को रेस्क्यू किया गया।
बारिश के आंकड़े
- जबलपुर: 3 इंच
- नरसिंहपुर: 2.6 इंच
- सागर: 1.5 इंच
- छतरपुर (नौगांव): 1.25 इंच
- मंडला, दमोह: 1 इंच
- दतिया, श्योपुर: 0.75 इंच
- बालाघाट, रीवा: 0.5 इंच
इसके अलावा भोपाल, ग्वालियर, बैतूल, गुना, टीकमगढ़, सतना, सीधी, विदिशा आदि में भी लगातार बारिश हो रही है।
बारिश की तबाही की तस्वीरें
- मंडला में मटियारी और थांवर नदियां उफान पर।
- एक ट्रक गैस सिलेंडर लेकर नदी में बह गया।
- ड्राइवर ने खिड़की से कूदकर जान बचाई।
- कार पुल से नदी में गिरी, समय रहते रेस्क्यू।
स्कूलों में छुट्टियां और सरकारी कदम
- 5 जुलाई को मंडला और डिंडौरी में स्कूल बंद रहे।
- एसडीईआरएफ टीम लगातार राहत और बचाव में जुटी है।
- प्रशासन ने सभी संवेदनशील इलाकों में अलर्ट और बैरिकेडिंग के निर्देश दिए हैं।
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मध्यप्रदेश में मानसून ने अब तक की सबसे भीषण बारिश का संकेत दे दिया है। नदी-नाले उफान पर हैं, सड़कें टूट चुकी हैं और ग्रामीण इलाकों का संपर्क शहरों से टूट रहा है। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सख्त ज़रूरत है।