हनुमानताल पुलिस ने नकली नोटों के हाई-टेक गोरखधंधे का पर्दाफाश करते हुए 15 लाख रुपये की फर्जी करेंसी और नोट छापने के उपकरण जब्त किए हैं। इस मामले में पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मास्टरमाइंड ऋतुराज विश्वकर्मा भी शामिल है।
ऐसे हुआ नकली नोट गैंग का भंडाफोड़
हनुमानताल थाना पुलिस को मंडी मदार टेकरी कब्रिस्तान के पास एक युवक के संदिग्ध रूप से घूमने की सूचना मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने रवि दाहिया को दबोचा। उसके पास से ₹2.94 लाख के ₹500 के नकली नोट बरामद हुए।
रवि की गिरफ्तारी के बाद जांच का दायरा बढ़ाया गया, और पूछताछ में उसने मास्टरमाइंड ऋतुराज का नाम उजागर किया, जो शुक्ला होटल के पीछे घमापुर क्षेत्र का निवासी है।
हाई-टेक तरीके से छापे जा रहे थे नकली नोट
पुलिस की छापेमारी में ऋतुराज के घर से निम्न सामग्री जब्त हुई:
- लैपटॉप
- हाई-रिजॉल्यूशन प्रिंटर
- पेपर कटिंग कटर
- स्पेशल कटिंग शीट्स
- हाई क्वालिटी सफेद पेपर और महंगे प्रिंटिंग कलर
- ₹500 के कई फर्जी नोट
ऋतुराज ने स्वीकार किया कि वह पिछले 8-9 महीनों से नकली नोट छापने में लगा हुआ था।
असली के बदले तीन गुना नकली नोट
पूछताछ में ऋतुराज ने बताया कि वह एक असली नोट के बदले तीन गुना नकली नोट देता था। इस नेटवर्क में धीरज मनवानी, गौरव तिवारी, और राकेश तिवारी भी शामिल थे।
इन्हीं के जरिए मंडला के संतोष श्रीवास्तव और अजय नवेरिया को ₹12.50 लाख के फेक नोट देकर, उन्होंने ₹4 लाख असली रुपये लिए थे। वहीं, शहपुरा निवासी जमुना प्रसाद पटेल को ₹3 लाख के नकली नोट दिए गए।
पुलिस ने अजय नवेरिया के पास से ₹9 लाख और जमुना प्रसाद पटेल के पास से ₹3 लाख के नकली नोट जब्त किए हैं।
कैसे मिली नकली नोट बनाने की जानकारी?
ऋतुराज बीबीए (बैंकिंग) की पढ़ाई कर रहा था। इस दौरान उसे भारतीय मुद्रा की तकनीकी जानकारी हासिल हुई, जिसे उसने गलत दिशा में उपयोग किया। एक चाय की दुकान पर उसकी मुलाकात रवि दाहिया से हुई और यहीं से नकली नोटों का यह अवैध व्यापार शुरू हुआ।
पुलिस की सतर्कता से बचा बड़ा नुकसान
अगर समय रहते यह गैंग पकड़ा नहीं जाता, तो ये नकली नोट बड़ी मात्रा में बाज़ार में फैल सकते थे। जबलपुर पुलिस की सतर्कता से यह बड़ा आर्थिक अपराध टल गया है।
इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि तकनीकी जानकारी का दुरुपयोग कितना खतरनाक हो सकता है। मध्यप्रदेश पुलिस की समय रहते की गई कार्रवाई से न केवल भारी मात्रा में नकली नोट जब्त हुए, बल्कि एक संगठित गिरोह का भी पर्दाफाश हुआ।