रिपोर्ट- दानवीर सिंह, एडिट- विजय नंदन
मुरादाबाद: देश के विभिन्न हिस्सों में आई लव मोहम्मद को लेकर विवादित टिप्पणियाँ और प्रदर्शन आम हैं, लेकिन मुरादाबाद में एक स्कूल से सामने आई घटना ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। मुरादाबाद के थाना भोजपुर क्षेत्र के गांव गनीमत नगर में स्थित हबीबिया जूनियर हाई स्कूल में मुस्लिम बच्चों से “आई लव मोहम्मद” चार्ट बनवाने और पोस्टर के रूप में तैयार करवाने का मामला सामने आया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। हमारी रिपोर्ट टीम जब स्कूल पहुंची, तो स्कूल ऑफिस में मेज पर “आई लव मोहम्मद” का पोस्टर देखा गया। बच्चों के हाथों में चार्ट भी थे। पत्रकारों को देखने के बाद स्कूल की छुट्टी करा दी गई और अध्यापक कैमरे से बचते नजर आए। लेकिन टीम के कैमरे में कई प्रकार के सबूत कैद हो गए। कुछ बच्चों ने कैमरे पर खुलासा किया कि अध्यापकों ने जानबूझकर चार्ट बनवाए और बच्चों को पोस्टर दिखाने के लिए कहा। वहीं अध्यापकों ने ऐसा करने से इनकार किया और कहा कि यह गुनाह नहीं है।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (डीबीईओ) से मामले की जानकारी लेने की कोशिश की गई। अधिकारी ने कहा कि पहले जांच कराएंगे, लेकिन बाद में विद्यालय प्रबंधन का समर्थन करते हुए अधिकारी विवादित चार्ट की वास्तविकता जानने से बचते नजर आए। डीबीईओ का कहना था कि संभव है कि एआई की मदद से फोटो बन गए हों, लेकिन वास्तविक सच्चाई का पता लगाने में कोई स्पष्ट कदम नहीं उठाया गया। इस घटना ने समाज में धर्म आधारित भावनाओं को भड़काने की आशंका जताई है। ग्रामीण और अभिभावक इस मामले में शिक्षा विभाग से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

इस विवाद को लेकर बरेली में हो चुकी है हिंसा
आपको बता दें कि बरेली में “आई लव मोहम्मद” पोस्टर को लेकर 26 सितंबर 2025 को हुई हिंसा ने पूरे उत्तर प्रदेश में तनाव बढ़ा दिया था। यह विवाद कानपुर में एक पोस्टर हटाए जाने की घटना से शुरू हुआ था, जिसके बाद बरेली में भी विरोध प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शनों के दौरान पथराव, वाहनों में तोड़फोड़ और पुलिस के साथ झड़पें हुईं, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई। पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हुए और कम से कम 12 लोग गिरफ्तार किए गए। मौलाना तौकीर रजा, जो इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख हैं, को भी गिरफ्तार किया गया। उन पर आरोप है कि उन्होंने इस प्रदर्शन को उकसाया। हालांकि, उनके परिवार ने दावा किया कि वे उस दिन विदेश में थे और इस मामले में उनका कोई हाथ नहीं था।