BY: Yoganand Shrivastva
उत्तर प्रदेश: मुरादाबाद में नगर निगम के संविदा कर्मी की हत्या का पुलिस ने महज 24 घंटे के भीतर पर्दाफाश कर दिया। इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से दो को पुलिस मुठभेड़ (हाफ एनकाउंटर) के दौरान पैर में गोली लगी। पुलिस का कहना है कि हत्या का कारण पैसों का लेनदेन था।
घटना का विवरण
यह घटना मुरादाबाद के मझोला थाना क्षेत्र के नया मुरादाबाद इलाके की है। गुरुवार देर रात संविदा कर्मी हर्षित ठाकुर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह इसी इलाके का निवासी था। प्रारंभिक जांच में पता चला कि अपराधी रात करीब ढाई से तीन बजे के बीच एक आई20 कार से आए थे। उन्होंने पहले हर्षित से मारपीट की और फिर गोली मारकर उसकी हत्या कर दी।
पुलिस का एक्शन और मुठभेड़
हत्या की सूचना मिलते ही एसपी सिटी के नेतृत्व में पुलिस टीमों को जांच के लिए लगाया गया। जांच के दौरान पुलिस को इनपुट मिला कि आरोपी उसी इलाके में घूम रहे हैं। तलाशी अभियान के दौरान पुलिस को एक बिना नंबर प्लेट की आई20 कार दिखाई दी। जब उसे रोकने की कोशिश की गई, तो उसमें बैठे पांच लोग कार से निकलकर भागने लगे।
पुलिस को देखते ही आरोपियों ने गोली चलाई, जिसके जवाब में पुलिस ने कार्रवाई की। मुठभेड़ में शुभम ठाकुर और मोहम्मद वासित नाम के दो आरोपी गोली लगने से घायल हो गए। बाकी तीन आरोपी— अभिषेक सैनी, राहुल पांडे और अनमोल जाटव— को कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाकर गिरफ्तार कर लिया गया।
बरामद हथियार और कार
पुलिस ने आरोपियों से हत्या में प्रयुक्त हथियार, कारतूस और घटना में इस्तेमाल की गई आई20 कार भी जब्त की है। घायल आरोपियों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि बाकी तीनों को थाने भेजा गया।
पैसों के विवाद में रची गई हत्या की साजिश
पूछताछ में सामने आया कि मृतक हर्षित ठाकुर नगर निगम में संविदा पर काम करता था। उसने दुकान दिलाने के नाम पर आरोपियों से पांच से छह लाख रुपये लिए थे, लेकिन वादा पूरा नहीं किया। पैसे वापस मांगने पर हर्षित ने रकम लौटाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद आरोपियों ने उसकी हत्या की साजिश रची। 27/28 अगस्त की रात को उन्होंने हर्षित को रोककर पहले उसकी कार में तोड़फोड़ की और फिर गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस अब सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है और मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।





