सरकार ने संसद का मॉनसून सत्र 2025 21 जुलाई से 12 अगस्त तक आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह जानकारी संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने साझा की है। इस सत्र की अवधि 23 दिन की होगी और इस दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाएंगे।
विपक्ष लगातार ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहा है। ऐसे में संभावना है कि इस विषय पर संसद में जोरदार हंगामा हो सकता है।
इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
1. बीमा संशोधन विधेयक
- सरकार बीमा क्षेत्र में FDI (विदेशी निवेश) सीमा को 100% करने की योजना बना रही है।
- इस संबंध में विधेयक का मसौदा तैयार है और जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
- कैबिनेट की मंजूरी के बाद, वित्तीय सेवा विभाग इस विधेयक को संसद में पेश करेगा।
2. जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव
- सरकार दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और वर्तमान में इलाहाबाद हाईकोर्ट में नियुक्त जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में है।
- मार्च 2025 में उनके आवास पर आग लगने की घटना के दौरान बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी।
- संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू इस विषय पर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं से चर्चा करेंगे।
क्या कहता है विपक्ष?
कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने केंद्र सरकार से ऑपरेशन सिंदूर पर विस्तृत चर्चा और विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। माना जा रहा है कि मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष इस मुद्दे को बार-बार उठाएगा, जिससे सदन की कार्यवाही प्रभावित हो सकती है।
मॉनसून सत्र 2025: मुख्य बिंदु एक नजर में
- सत्र की अवधि: 21 जुलाई से 12 अगस्त (23 दिन)
- प्रस्तावित बिल: बीमा संशोधन विधेयक
- संभावित विवाद: ऑपरेशन सिंदूर और महाभियोग प्रस्ताव
- प्रमुख नाम: किरेन रिजिजू, जस्टिस यशवंत वर्मा
मॉनसून सत्र 2025 में कई ऐसे विधेयक और मुद्दे हैं जो देश की राजनीतिक दिशा तय कर सकते हैं। सरकार जहां बीमा क्षेत्र को खोलने जैसे बड़े फैसलों पर जोर दे रही है, वहीं विपक्ष ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे संवेदनशील मामलों पर जवाब मांग रहा है। यह सत्र निश्चित रूप से राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण रहेगा।