BY: Yoganand Shrivastva
बांदा, उत्तर प्रदेश – जिले के बबेरू क्षेत्र में एक मकान पर प्रशासन द्वारा की गई बुलडोजर कार्रवाई को लेकर भाजपा विधायक प्रकाश द्विवेदी ने एक बार फिर विवादों को जन्म दे दिया है। विधायक ने इस कार्रवाई से नाराज़ होकर बबेरू के उपजिलाधिकारी (SDM) रजत वर्मा को फोन पर कड़ी चेतावनी दी, जिसकी रिकॉर्डिंग अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
क्या है पूरा मामला?
बबेरू में शुक्रवार को प्रशासन ने एक पुराने विवादित भवन पर बुलडोजर चलवा दिया। यह भवन कृषक सेवा सहकारी समिति का बताया जा रहा है, जिसमें पिछले 26 वर्षों से राजेंद्र प्रसाद पांडे नामक व्यक्ति निवास कर रहे थे। प्रशासन की ओर से यह कहा गया कि भवन जर्जर हो चुका था और पूर्व में चल रहे मुकदमे में अदालत से मकान मालिक को कोई राहत नहीं मिली थी।
बीते दिन अपर जिला सहकारी सेवा समिति के सचिव मौके पर बुलडोजर के साथ पहुंचे और भवन गिराने की प्रक्रिया शुरू की। विरोध के दौरान अजय पांडे नामक व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया।
विधायक का हस्तक्षेप और गुस्सा
जैसे ही इस मामले की जानकारी बांदा सदर से बीजेपी विधायक प्रकाश द्विवेदी को दी गई, वे शनिवार को मौके पर पहुंच गए। वहां से ही उन्होंने एसडीएम रजत वर्मा को फोन लगाया और जमकर फटकार लगाई। उन्होंने फोन पर कहा:
“अगर मनमानी करोगे, तो खुद आकर ठीक कर दूंगा।”
विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि बांदा के जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल की शह पर यह कार्रवाई की गई और पीड़ित को बिना किसी नोटिस के उजाड़ा गया।
डीएम पर भी साधा निशाना
सिर्फ SDM ही नहीं, विधायक ने जिलाधिकारी (DM) बांदा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि,
“जिलाधिकारी को कुछ आता-जाता नहीं है। अधीनस्थ अधिकारी जो समझा देते हैं, वही कर देती हैं।”
कई बार रहे हैं विवादों में
यह पहली बार नहीं है जब विधायक द्विवेदी प्रशासनिक अधिकारियों से उलझे हैं। हाल ही में उनका एक अन्य वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह नारायणी एसडीएम को थप्पड़ मारने के आरोपों में घिरे थे। अब इस नई घटना ने फिर से विधायक के काम करने के तौर-तरीकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रशासन की स्थिति और कार्रवाई
प्रशासन की ओर से यह स्पष्ट किया गया कि 5 दिसंबर 2016 को संबंधित मुकदमा खारिज हो चुका था, और भवन को गिराने की कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई। तहसीलदार गौरव कुमार, पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहे और शांतिपूर्वक कार्रवाई पूरी की गई।
राजनीतिक रंग भी गहराया
पीड़ित पक्ष ने मामले में बीजेपी जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल की भूमिका पर सवाल उठाए हैं, जिससे यह मुद्दा सिर्फ प्रशासनिक नहीं बल्कि राजनीतिक टकराव का कारण भी बन गया है। विधायक के समर्थकों का कहना है कि यह कार्रवाई जानबूझकर करवाई गई ताकि उनके क्षेत्र में लोगों में असंतोष फैले और विधायक की छवि को नुकसान पहुंचे।
वीडियो वायरल, जनता में चर्चा तेज
विधायक और SDM की फोन पर हुई तीखी बातचीत का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। जनता में इस बात को लेकर चर्चाएं तेज हैं कि क्या एक जनप्रतिनिधि को प्रशासनिक अधिकारियों से इस तरह बात करनी चाहिए?