उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित आईआईएमटी विश्वविद्यालय में हाल ही में एक विवाद उत्पन्न हुआ, जब परिसर में बिना अनुमति के कुछ छात्रों द्वारा सामूहिक रूप से नमाज अदा की गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित छात्र खालिद प्रधान और तीन सुरक्षा कर्मियों को निलंबित कर दिया है। प्रवक्ता सुनील शर्मा के अनुसार, आंतरिक जांच में पाया गया कि बिना अनुमति के परिसर में नमाज पढ़ने और उसका वीडियो वायरल करने का उद्देश्य विश्वविद्यालय के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना प्रतीत होता है।
पुलिस ने इस संबंध में कार्तिक हिंदू नामक व्यक्ति की शिकायत पर खालिद प्रधान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। गंगा नगर थाने के प्रभारी अनूप सिंह ने बताया कि जांच जारी है और उचित कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय हिंदू संगठनों ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। उनका कहना है कि होली के त्योहार के दौरान इस प्रकार की गतिविधि सांप्रदायिक तनाव बढ़ा सकती है, इसलिए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
यह घटना विश्वविद्यालय परिसरों में धार्मिक गतिविधियों के लिए निर्धारित नियमों और अनुमतियों के पालन की आवश्यकता को रेखांकित करती है, ताकि सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे और किसी भी प्रकार के तनावपूर्ण स्थिति से बचा जा सके।