रिपोर्टर: कुशल चोपड़ा, बीजापुर
24 जुलाई 2025 को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों के सामने 25 माओवादी हथियार डालकर आत्मसमर्पण कर गए। इनमें एक उच्चस्तरीय State Zonal Committee Member (SZCM), रामन्ना इरपा उर्फ जगदीश/विकेश, भी शामिल था, जिसका ₹25 लाख का इनाम था। कुल मिलाकर इन सभी पर ₹1.15 करोड़ का ईनाम रखा गया था।
आत्मसमर्पण समारोह में IG सुन्दरराज, DIG कमलोचन कश्यप, ASP बीएस नेगी, SP डॉ. जितेंद्र कुमार यादव सहित CRPF, CoBRA और DRG के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। surrendered माओवादी रँकों में Divisional Committee Member (DVCM), Company PPCM, Area Committee सदस्य, LOS सदस्य, जनताना सरकार अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष सहित अन्य शामिल थे।
आत्मसमर्पण के पीछे के मुख्य कारणों में संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेद, हिंसात्मक राजनीति से उत्पन्न थकान, और परिवार के साथ सामान्य जीवन की चाह थी। साथ ही, राज्य सरकार की नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति ने भी एक बड़ी भूमिका निभाई—जिसमें आर्थिक सहायता और पुनः एकीकरण की योजनाएँ पेश की गई हैं।
बीजापुर में जनवरी 2025 से अब तक ग्राउंड पर सक्रिय अभियान में 242 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया, 300 गिरफ्तार हुए और 127 को मुठभेड़ में मार गिराया गया। 2024 की तुलना में यह डेटा स्पष्ट रूप से दिखाता है कि माओवादी आतंकवाद पर विजय की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है।
राज्य सरकार ने आत्मसमर्पित माओवादी जवानों को ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि चेक के रूप में प्रदान की है। इसके साथ ही बीजापुर जिले सहित अन्य क्षेत्रों में नए सुरक्षा शिविरों और आधारभूत ढाँचागत सुविधाओं का जाल तैयार किया जा रहा है, जैसे ‘नियाड नेल्लनर’ योजना, जिससे प्रशासन की पहुँच पहले से बहुत मजबूत हुई है।
इस आत्मसमर्पण को माओवादी संगठन पर एक बड़ा झटका माना जा रहा है। विशेष रूप से SZCM जइसन उच्च पदस्थ व्यक्ति का आत्मसमर्पण, संगठन की नींव को हिला सकता है और कार्यप्रणाली में संकट पैदा कर सकता है। सरकारी अधिकारियों ने भी स्पष्ट रूप से कहा कि अभी जो आतंकी संगठन में बने हुए हैं, वे भी शांति और पुनर्वास की राह अपना सकते हैं—सरकार का हाथ आज भी खुला है।