कहते है अगर इंसान ठान ले तो कुछ भी कर सकता है। इस मिलान को सही ठहराया है त्रिपुरा की छात्रा मधुरिमा ने। बता दे कि, मधुनिमा ने लाखों विद्यार्थियों के सामने एक मिसाल कायम की है। मधुरिमा को कैंसर है, और ज़िन्दगी की इस जंग को लड़ते हुए ही मधुरिमा ने पहले ही प्रयास में मेडिकल प्रवेश परीक्षा यानी Neet 2024 को क्रेक कर डॉक्टर बनने का सपना साकार कर दिखाया है।
मधुरिमा का जन्म त्रिपुरा के एक छोटे से गांव में वर्ष 2004 में हुआ था। आम बच्चे की तरह वो अपना जीवन जी रही थी लेकिन तभी साल 2016 में मधुरिमा के जीवन में भूचाल आ गया, जब डॉक्टर ने मधुरिमा को बताया कि, उन्हें नॉन हॉजकिन लिंफोमा यानी एक प्रकार का दुर्लभ कैंसर है। मधुरिमा के परिवार ने मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में उनका उपचार करवाना शुरू किया। उपचार के दौरान भी मधुरिमा ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। मज़बूत इच्छाशक्ति की बदौलत मधुरिमा ने 10वीं कक्षा में 96 प्रतिशत और 12वीं कक्षा 91 प्रतिशत अंक हासिल किए। अपनी फैकल्टीज, डॉक्टरों एवं परिवार से मिल रहे मार्गदर्शन और हौंसले से उसने न केवल कैंसर को हराया बल्कि पहले ही प्रयास में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट 2024 को भी क्रेक कर लिया।
नीट परीक्षा में सफल होने के बाद मधुरिमा ने एमबीबीएस के लिए शांति निकेतन मेडिकल कॉलेज त्रिपुरा में एडमिशन प्राप्त किया है। उनकी बहन, ऋतुरिमा भी प्रेरणा का स्रोत है जो कि, वर्तमान में दिल्ली के बाबा साहेब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज से इंटर्नशिप कर रही हैं। दोनों बहनों की कहानियाँ संघर्ष और मेहनत की शक्ति को दर्शाती हैं। ये मधुरिमा के दृढ़ संकल्प का प्रमाण है कि, उसने 12वीं कक्षा में पढ़ते हुए नीट 2024 की तैयारी की और सफलता प्राप्त की। उनकी सफलता दुनियाभर के छात्रों और व्यक्तियों के लिए प्रेरणा है। उसकी कहानी यह साबित करती है कि आत्मविश्वास और प्रयास से कोई भी परीक्षा पास की जा सकती है। फिर वो चाहे एग्ज़ाम हो या ज़िन्दगी। मधुरिमा ने कहा, ‘मेरी यात्रा संघर्षों से भरी रही है, लेकिन मैंने सीखा है कि, कड़ी मेहनत और खुद पर विश्वास से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। मुझे आशा है कि, मेरी कहानी दूसरों को प्रेरित करेगी कि वे कभी हार न मानें, चाहे जीवन कितना भी कठिन क्यों न हो’।