ये प्रसन्नता का क्षण है। इस पूरी चर्चा में भाग लेकर अपने विचारों को सदन के सामने रखा- सीएम योगी।
सत्ता और विपक्ष से जुड़े हुए सभी सदस्यों का हृदय से धन्यवाद। उनकी संख्या 146 है, जो चर्चा में शामिल हुए- सीएम योगी।
मुद्दे अपने-अपने हो सकते हैं, अपनी विचारधारा हो सकती है, अपनी सोच हो सकती है- सीएम योगी।
सत्ता पक्ष से 98 और प्रतिपक्ष से जुड़े 48 सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया- सीएम योगी।
नेता प्रतिपक्ष ने बहुत सारे मुद्दे की ओर ध्यान आकृष्ट कराया- सीएम योगी।
अच्छा लगा कि वे समाजवादी से सनातनी हो गए हैं- सीएम योगी।
उन्होंने अपने एक साथी को डांटा भी कि तुम क्या जानोगे कि सनातनी क्या होता है? इस पर मेजें थपथपाई गई- सीएम योगी।
राज्यपाल के अभिभाषण के समय विपक्ष ने जो व्यवहार दिखाया, क्या वो संवैधानिक था? आप भाषण बहुत देते हैं- सीएम योगी।
लेकिन वास्तविक आचरण देखना हो तो सपा के सोशल मीडिया हैंडलर को देख सकते हैं- सीएम योगी।
इसे पढ़कर लज्जा महसूस करेंगे, लेकिन, दूसरे को उपदेश देते हैं- सीएम योगी।
नेता प्रतिपक्ष ने महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए थे, उसका स्वागत करता हूं- सीएम योगी।
देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ राधा कृष्णन की एक टिप्पणी से कहना चाहता हूं- सीएम योगी।
उन्होंने कहा था कि मानव का मानव होना एक उपलब्धि है- सीएम योगी।
मानव का दानव होना उसकी पराजय है, मानव का महामानव होना उसकी विजय है- सीएम योगी।
उन्होंने तीन बातें कीं। ये तीन श्रेणियां हमेशा रही हैं- सीएम योगी।
महर्षि कश्यप की दो रानियां थीं। एक से देव हुए, एक से दानव। यानी मनुष्य से ही ये आगे बढ़ी है- सीएम योगी।
उनका कर्म, आचरण और व्यवहार ही उन्हें उनकी श्रेणी में पहुंचाता है, तीन श्रेणियां हमें बहुत कुछ प्रेरणा देती है- सीएम योगी।।
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