BY: Yoganand Shrivastva
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां मशहूर “मॉडल चाय वाली” के नाम से जानी जाने वाली सिमरन गुप्ता के साथ पुलिसकर्मियों की बदसलूकी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी सिमरन के स्टॉल पर न केवल अभद्र व्यवहार कर रहे हैं, बल्कि सार्वजनिक रूप से उन्हें जबरन घसीटते भी नजर आ रहे हैं। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर भारी नाराजगी देखने को मिल रही है।
क्या है पूरी घटना?
रविवार देर रात करीब 12 बजे सिमरन गुप्ता अपने चाय स्टॉल पर मौजूद थीं, जो कि इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे के पास स्थित है। तभी मड़ियांव थाने की पुलिस टीम वहां पहुंची। कुछ कहासुनी के बाद हालात इतने बिगड़ गए कि महिला पुलिसकर्मी ने सिमरन को कपड़ों से पकड़कर घसीटा और अभद्र व्यवहार किया।
यह पूरी घटना पास खड़ी एक कार में बैठे व्यक्ति ने अपने कैमरे में रिकॉर्ड कर ली और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी। वीडियो के सामने आते ही लोगों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। सिमरन ने आरोप लगाया है कि पुलिसकर्मी अवैध वसूली करना चाहते थे और जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट की गई।
सिमरन गुप्ता कौन हैं?
सिमरन गुप्ता मूल रूप से गोरखपुर की रहने वाली हैं और पूर्व में मॉडलिंग कर चुकी हैं। वह मिस गोरखपुर का खिताब भी जीत चुकी हैं। पारिवारिक परेशानियों और पिता की गंभीर बीमारी के कारण उन्होंने मॉडलिंग छोड़ दी थी। कोविड-19 महामारी के दौरान उनकी नौकरी भी चली गई, जिसके बाद उन्होंने स्वरोजगार की राह चुनी।
ग्रेजुएट चायवाली से प्रेरणा लेकर सिमरन ने पहले गोरखपुर में चाय का स्टॉल लगाया और फिर लखनऊ में ‘मॉडल चाय वाली’ के नाम से नया स्टॉल शुरू किया, जो जल्द ही लोकप्रिय हो गया। उन्होंने यह बिजनेस अपने परिवार की आर्थिक मदद के लिए शुरू किया था।
कितनी कमाई होती है स्टॉल से?
सिमरन के अनुसार, वह रोजाना 3,000 से 4,000 रुपये तक कमा लेती हैं, जिससे उनके परिवार की रोजमर्रा की जरूरतें पूरी होती हैं। लेकिन अब इस घटना के बाद वह कानूनी कार्रवाई की मांग कर रही हैं और पुलिस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की तैयारी में हैं।
जनता का गुस्सा और समर्थन
सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोग सिमरन के समर्थन में सामने आ रहे हैं और पुलिस के बर्ताव को गलत ठहरा रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर किसी का स्टॉल रात में खुला भी था, तो इस तरह शारीरिक रूप से जोर-जबरदस्ती करना बिल्कुल अनुचित है। यह मामला अब मीडिया और मानवाधिकार संगठनों की निगाह में भी आ चुका है।