छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के लोरमी विकासखंड में स्थित खुड़िया डैम, जिसे राजीव गांधी जलाशय के नाम से भी जाना जाता है, इन दिनों पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। हाल ही में हुई भारी बारिश के चलते डैम लबालब भर गया है और वेस्ट वेयर से पानी का प्रवाह शुरू हो गया है, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहा है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
खुड़िया डैम का निर्माण ब्रिटिश शासन काल में 1927 में शुरू हुआ और 1930 में पूरा हुआ। यह बांध तीन प्राकृतिक पहाड़ियों को जोड़कर बनाया गया है, जिनके बीच से मनियारी नदी बहती है। यह डैम क्षेत्र के किसानों के लिए सिंचाई का प्रमुख स्रोत है और आसपास के गांवों की जल आपूर्ति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
पर्यटन का केंद्र
डैम के वेस्ट वेयर से गिरता पानी एक शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। यह स्थान पिकनिक, बोटिंग और फोटोग्राफी के लिए उपयुक्त है। बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध है, जिसमें पैडल बोट के लिए ₹50 और मोटर बोट के लिए ₹100 शुल्क लिया जाता है ।
सुरक्षा की कमी
हालांकि, पर्यटकों की बढ़ती संख्या के बावजूद, डैम क्षेत्र में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। पुलिस चौकी होने के बावजूद, न तो सुरक्षाकर्मी तैनात हैं और न ही सिंचाई विभाग के अधिकारी मौजूद रहते हैं। यह स्थिति किसी भी अप्रिय घटना की संभावना को बढ़ा सकती है।
प्रशासन से अपेक्षाएं
स्थानीय प्रशासन से अपेक्षा की जाती है कि वह पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए। सुरक्षा कर्मियों की तैनाती, चेतावनी संकेतों की स्थापना और आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता जैसे उपायों से पर्यटकों का अनुभव और भी सुखद बनाया जा सकता है।
खुड़िया डैम न केवल एक ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहर है, बल्कि यह क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी सहायक है। इसकी सुरक्षा और संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी है।