रिपोर्टर: धम्मशील सावंत, रायगढ़
आज महाड औद्योगिक क्षेत्र स्थित एमआईडीसी में पुलिस व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की संयुक्त टीम ने एक बड़े और अनियन्त्रित ड्रग उत्पादन के खिलाफ अभियान चलाया। इस दौरान केमिकल यूनिट में से करीब 34 किलोग्राम केटामाइन पाउडर व 13 किलोग्राम तरल केटामाइन जब्त किया गया, जिसकी कुल अनुमानित कीमत लगभग ₹88.92 करोड़ है।
यह कार्यवाही गोपनीय सूचना पर की गई थी। जांच से पता चला कि उक्त इकाई वैध रासायनिक प्रक्रिया के नाम पर नशीली दवाइयां बना रही थी, जिसका भंडारण इसी बंद परिसर में किया जा रहा था। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार इस अवैध लेन-देन में कई अन्य लोग व लघु रसायन इकाइयां भी शामिल हो सकती हैं। फिलहाल चार संदिग्ध आरोपियों—मच्छिंद्र भोसलें, सुशांत पाटिल, शुभम सुटर और रोहन गवास—को गिरफ्तार किया गया है।
इस मामले में एनडीपीएस एक्ट, 1985 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है, और एनसीबी तथा स्थानीय पुलिस जाँच-विस्तार में जुटी हुई हैं। पुलिस विभाग ने कहा है कि यह कार्रवाई अवैध मादक पदार्थों के कारोबार पर एक व्यापक और निर्णायक प्रहार है, और भविष्य में भी ऐसे अपराधों का सख्ती से मुकाबला किया जाएगा।
आगे की कार्यवाही और संभावित प्रभाव
- पूरी नेटवर्क की पहचान: पुलिस और एनसीबी अब प्रारंभिक गिरफ्तारी से आगे की जांच कर रहे हैं, जिससे अन्य संदिग्धों और इकाइयों का खुलासा हो सके।
- उद्योग निगरानी कड़ी होगी: इस प्रकरण ने दर्शाया है कि कोष क्षेत्र में छिपकर ड्रग निर्माण का नियोजन हो रहा था। इस पर कड़ी निगरानी और सतर्कता की लॉन्च की जा सकती है।
- कानूनी कार्रवाई तेज होगी: गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जाएगी, और अदालत में त्वरित सुनवाई के साथ सख्त कार्यवाही की जाएगी।