BY: Yoganand Shrivastava
तमिलनाडु: करूर में हुई भीषण भगदड़ में 41 लोगों की मौत के बाद मामले की जांच जारी है। इस घटना से जुड़े एफआईआर में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस के अनुसार, अभिनेता और टीवीके (तमिलगा वेट्रि कळगम) प्रमुख विजय की वजह से यह त्रासदी हुई। वहीं टीवीके ने इसे साजिश करार देते हुए सीबीआई जांच की मांग की है।
पुलिस का आरोप: विजय की वजह से हुई भगदड़
एफआईआर के मुताबिक, रैली सुबह 9 बजे शुरू होनी थी और 11 बजे तक भारी भीड़ जमा हो गई थी। विजय को दोपहर 12 बजे भाषण देना था, लेकिन वह शाम 7 बजे पहुंचे। पुलिस का कहना है कि उनकी देरी से भीड़ में बेचैनी और उत्सुकता बढ़ी, जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। जांच में यह भी सामने आया कि विजय की प्रचार बस बिना अनुमति कई जगहों पर रुकी, जिससे एक अनौपचारिक रोड शो जैसा माहौल बन गया। भीड़ बढ़ने के बावजूद भोजन, पानी और अन्य सुविधाओं का इंतजाम नहीं किया गया।
एफआईआर में यह भी उल्लेख है कि टीवीके कार्यकर्ताओं ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड तोड़ दिए। भीड़ को काबू में रखने के लिए बनाई गई व्यवस्थाएँ नज़रअंदाज़ की गईं। कई समर्थक विजय की झलक पाने के लिए पास के शेड की टिन की छत पर चढ़ गए, जो टूटकर गिर गई और कई लोगों की मौत हो गई।
टीवीके का पलटवार और कोर्ट की ओर रुख
टीवीके नेताओं ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए इसे राजनीतिक साजिश बताया है। पार्टी के चुनाव प्रबंधन महासचिव आधव अर्जुन ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने दावा किया कि प्रशासन ने बार-बार उनकी पसंद के स्थानों पर रैली की अनुमति नहीं दी और जानबूझकर ऐसे क्षेत्रों में अनुमति दी गई जहां भीड़ जुटना मुश्किल था।
पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि रैलियों के दौरान बिजली आपूर्ति बाधित की गई और पर्याप्त पुलिस बल तैनात नहीं किया गया। अर्जुन ने कहा कि करूर की घटना भी इसी पैटर्न का हिस्सा थी। उनका कहना है कि विजय का भाषण शुरू होने से पहले ही बिजली काट दी गई, जिससे लोग बैकअप जनरेटर की ओर भागे और भीड़ बेकाबू हो गई। टीवीके का यह भी आरोप है कि असामाजिक तत्वों ने रैली में घुसकर न केवल विजय बल्कि भीड़ पर भी पत्थर और चप्पल फेंके, जिससे अफरा-तफरी और बढ़ गई।