भारत सरकार ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वर्तमान सुरक्षा स्थिति को देखते हुए करतारपुर कॉरिडोर को अगली सूचना तक बंद रखा जाएगा। यह निर्णय भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र लिया गया है।
करतारपुर कॉरिडोर एक वीज़ा-फ्री गलियारा है, जो भारत के पंजाब स्थित डेरा बाबा नानक को पाकिस्तान के गुरुद्वारा दरबार साहिब से जोड़ता है। इस धार्मिक गलियारे की शुरुआत 9 नवंबर 2019 को गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के अवसर पर की गई थी, ताकि श्रद्धालु बिना वीज़ा के सालभर पाकिस्तान के पवित्र स्थल की यात्रा कर सकें।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने नई दिल्ली में एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि, “मौजूदा सुरक्षा हालातों को देखते हुए करतारपुर कॉरिडोर को फिलहाल बंद ही रखा जाएगा।” यह कॉरिडोर 7 मई से बंद है, जब भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की थी। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 लोग, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे, मारे गए थे।
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते के अनुसार, इस कॉरिडोर के माध्यम से प्रतिदिन अधिकतम 5,000 श्रद्धालुओं को पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने की अनुमति थी। लेकिन फिलहाल सुरक्षा कारणों से यह आवाजाही रोक दी गई है।
फिलहाल, कॉरिडोर को फिर से खोलने को लेकर कोई स्पष्ट समयसीमा नहीं बताई गई है। क्षेत्र में लगातार बढ़ते तनाव के चलते यह फैसला लिया गया है ताकि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।