कोर्ट ने बहस के लिए 21 अप्रैल की तय की अगली तारीख
भाजपा सांसद और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ चल रहे एक मामले में आज स्पेशल कोर्ट एमपी-एमएलए अनुज कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान कंगना की ओर से उनके स्थानीय अधिवक्ता ने लिखित बहस पेश की, लेकिन बादी पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज की।
बादी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा के साथ दुर्ग विजय सिंह भैया, रामदत्त दिवाकर, आर.एस. मौर्य, सुरेंद्र लाखन, राकेश नौहवार, राजेंद्र गुप्ता, धीरज बी.एस. फौजदार, उमेश जोशी, नवीन वर्मा, ओपी वर्मा, अजय सागर सहित कई अधिवक्ताओं ने यह आपत्ति उठाई कि कंगना की तरफ से दाखिल वकालतनामा और लिखित बहस में उनके हस्ताक्षर संदिग्ध हैं।
अधिवक्ताओं का कहना था कि न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार किसी भी प्रतिवादी द्वारा दाखिल किए गए दस्तावेजों के साथ आधार कार्ड, हस्ताक्षर और फोटो संलग्न होना आवश्यक होता है, जो इस मामले में अनुपस्थित थे।
इस पर कंगना के अधिवक्ता ने अदालत से बहस के लिए समय देने की प्रार्थना की। इसके जवाब में वादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने आपत्ति जताते हुए कहा कि कंगना रनौत पिछले नौ महीने से लगातार मामले को टालने का प्रयास कर रही हैं, और अब उनके अधिवक्ता बहस के लिए समय मांग रहे हैं।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 21 अप्रैल 2025 की तारीख निर्धारित की है। अब अगली तिथि पर बहस सुनी जाएगी और मामले की आगे की कार्यवाही तय की जाएगी।
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