भोपाल: मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर स्थित नीमच जिले के एक गाँव के हनुमान मंदिर में रात के समय तीन श्वेतांबर जैन मुनियों पर अज्ञात युवकों ने हमला कर दिया। इस घटना के बाद नीमच के सिंगोली क्षेत्र में स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने छह युवकों को गिरफ्तार किया है, जिन पर हमले का आरोप है।
क्या हुआ था?
शिकायत के अनुसार, यह घटना रविवार रात करीब 11 बजे नीमच जिले के सिंगोली क्षेत्र के कच्छाला गाँव में हुई। जैन मुनि मंदिर में विश्राम कर रहे थे, क्योंकि अगले दिन उन्हें राजस्थान की यात्रा करनी थी। तभी कुछ युवक वहाँ पहुँचे और उनसे पैसे व कीमती सामान माँगने लगे। जब मुनियों ने बताया कि वे धार्मिक यात्रा पर हैं और उनके पास कुछ नहीं है, तो युवकों ने लाठी और रॉड से उन पर हमला कर दिया। चोटिल होने के बावजूद मुनि बाहर निकलकर स्थानीय लोगों से मदद माँगने में सफल रहे।

पुलिस ने कार्रवाई की
स्थानीय ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। घटना के बाद का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें पीड़ितों के सिर, गर्दन, पीठ और चेहरे पर चोट के निशान दिखाई दे रहे हैं। पुलिस ने सुरागों के आधार पर कुछ ही घंटों में आरोपियों को पकड़ लिया।
नीमच के पुलिस अधीक्षक अंकित जैसवाल ने बताया, “छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक 16 साल का किशोर भी शामिल है। सभी राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के रहने वाले हैं। उन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। हम यह भी जाँच कर रहे हैं कि क्या ये पहले भी ऐसी घटनाओं में शामिल रहे हैं।”
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में गणपत नायक, गोपाल भोई, कन्हैयालाल भोई, राजू भोई और बाबू शर्मा शामिल हैं।
स्थानीय लोगों का विरोध
इस घटना से नाराज़ स्थानीय लोगों ने सोमवार सुबह सिंगोली शहर में बंद का आह्वान किया। हालाँकि, पुलिस कार्रवाई और जिला कलेक्टर व एसपी से बातचीत के बाद बंद वापस ले लिया गया। जैन समुदाय के संगठनों ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को ज्ञापन सौंपा है।
पुलिस की लापरवाही पर सवाल
सूत्रों के अनुसार, कच्छाला गाँव के लोगों ने पहले ही चित्तौड़गढ़ से आने वाले संदिग्ध युवकों के बारे में पुलिस को शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस घटना के बाद पुलिस की जवाबदेही पर भी सवाल उठ रहे हैं।