महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नितेश राणे के राज्य के सभी मदरसों की जांच कराने की मांग चर्चा का विषय बनी हुई है। महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने कहा कि अगर देशविरोधी कोई सबूत मिलता है, तो सरकार जरूर कार्रवाई करेगी। प्यारे खान ने कहा कि सरकार पहले ही मदरसों के लिए एक स्कीम लेकर आई है, जिसका नाम ‘मॉर्डन मदरसा’ है। जहां पहले मदरसों में सिर्फ धार्मिक शिक्षा होती थी, आज वहां पर टेक्निकल शिक्षा भी दी जा रही है। अब मदरसों के बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बन रहे हैं। हाल ही में मैंने बुटीबोरी में एक मदरसे का दौरा किया था। मैंने देखा कि एक बच्चा बहुत अच्छी मराठी बोल रहा है।
नितेश राणे ने मदरसों की जांच की मांग की
दरअसल महाराष्ट्र कैबिनेट के मंत्री नितेश राणे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर महाराष्ट्र में चल रहे सभी मदरसों की जांच करने को कहा है। उन्होंने फडणवीस से मांग की है कि प्रदेश के सभी मदरसों की जांच गृह विभाग को करनी चाहिए। उनकी इस मांग के बाद प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है। विपक्षी दल के नेता उन पर ध्रुवीकरण का आरोप लगा रहे हैं।
समाजवादी पार्टी के विधायक एवंम महाराष्ट्र अध्यक्ष आबु आझमी ने माइनोरिटी कमिशन के चेअरमन प्यारे खान की इस प्रतिक्रिया पर सवाल खडे कर कारवाई की मांग की है उन्होने मीडीयासे बात करते हुए कंहा की अकोला के उर्दू स्कूल का दौरा करने के बाद राज्य के माइनोरिटी कमीशन के चेयरमैन प्यारे खान ने जो बातें मीडिया से की वो निंदनीय है। एक इदारे की गलती पर आप सभी माइनोरिटी संस्थानों को गलत कहें ये नाइंसाफी है। आपको माइनोरिटी कमीशन का चेयरमैन अल्पसंख्यकों की भलाई के लिए बनाया गया है, उन्हें बदनाम और कमज़ोर करने नहीं। मैं सरकार से मांग करता हूं कि इस मामले की जांच हो और इस तरह के बयानों पर रोक लगाई जाए।