हमारा इंडिया तो वैसे भी कमाल का है, हर कोने में कुछ न कुछ अनोखा मिल ही जाता है। लेकिन हाल ही में छत्तीसगढ़ का एक गांव सुर्खियों में आया है, जो न सिर्फ टूरिस्टों को लुभा रहा है, बल्कि सोशल मीडिया वालों का भी फेवरेट बन गया है। चलो, इस गांव की कहानी जानते हैं!

तुलसी गांव: डिजिटल दुनिया का नया ठिकाना
छत्तीसगढ़ का तुलसी गांव अब ‘इंस्टाग्राम गांव’ के नाम से फेमस हो गया है। क्यों? क्योंकि यहां के 4000 लोगों में से 25% भाई-बहन डिजिटल कंटेंट बनाने में लगे हैं। ये उनका फुल-टाइम धंधा बन गया है! वीडियो बनाओ, अपलोड करो, और पैसे कमाओ – यही इनका फंडा है। इससे न सिर्फ उनकी जिंदगी बदली, बल्कि गांव की अर्थव्यवस्था भी चमक उठी।
कहां है ये गांव और क्या है खास?
तुलसी, रायपुर के पास बसा है, जो छत्तीसगढ़ की राजधानी है। यहां की खास बात ये है कि छोटे बच्चे हों या दादा-दादी, सबके हाथ में फोन और कैमरा देखने को मिलेगा। गांव के किसी भी मोड़ पर चले जाओ, कोई न कोई वीडियो शूट करता दिख जाएगा। कई लोग तो प्रोफेशनल कैमरे और गैजेट्स के साथ तैयार रहते हैं। सच में, ये गांव डिजिटल इंडिया का सच्चा नमूना है!
शुरूआत कैसे हुई? ‘बीइंग छत्तीसगढ़िया’ की कहानी
ये सब 2018 में शुरू हुआ, जब गांव के दो भाइयों – जय और ज्ञानेंद्र शुक्ला ने ‘बीइंग छत्तीसगढ़िया’ नाम से यूट्यूब चैनल बनाया। उनका चैनल ऐसा चला कि देखते ही देखते हिट हो गया। बस फिर क्या, गांव वालों को भी जोश चढ़ा और सब इंस्टाग्राम, यूट्यूब, टिकटॉक पर वीडियो बनाने लगे। जो पहले टाइमपास था, वो अब कमाई का जरिया बन गया।
सरकार ने भी दिया साथ, बनाया स्टूडियो
जब गांव की ये तरक्की सबको दिखी, तो सरकार भी पीछे नहीं रही। उन्होंने तुलसी में एक खास स्टूडियो बनवा दिया, जहां लोग अपने वीडियो शूट और एडिट करते हैं। ये स्टूडियो गांव के लिए वरदान साबित हुआ। अब नए-नए लोग भी कंटेंट बनाने में जुट गए हैं और तुलसी का नाम दूर-दूर तक फैल रहा है।
सब मिलकर करते हैं मस्ती और कमाई
यहां के लोग कमाल के हैं – सब मिल-जुलकर काम करते हैं। चौपाल पर बैठते हैं, वीडियो की स्टोरी सोचते हैं, और ये भी तय करते हैं कि कौन एक्टिंग करेगा। सुनकर हैरानी होगी कि तुलसी में 40 से ज्यादा यूट्यूब चैनल हैं! कुछ लोग तो महीने के 20,000 से 40,000 रुपये तक कमा लेते हैं। गांव में इतनी कमाई – वाह, क्या बात है!
तुलसी: छोटे गांवों के लिए मिसाल
तुलसी आज एक मॉडल बन गया है। ये दिखाता है कि टेक्नोलॉजी और जोश हो तो छोटा सा गांव भी दुनिया में नाम कमा सकता है। ये कहानी न सिर्फ छत्तीसगढ़ की, बल्कि पूरे हिंदुस्तान की ताकत बयां करती है।
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