महाराष्ट्र के पुणे जिले में रविवार, 15 जून 2025 को एक बड़ा हादसा हुआ, जब इंद्रायणी नदी पर बना एक पुराना लोहे का पैदल पुल ढह गया। यह हादसा मावल तहसील के सुकाव ब्रिज पर हुआ, जब पुल पर बड़ी संख्या में पर्यटक मौजूद थे। लोग सेल्फी ले रहे थे, कुछ बाइक लेकर भी पुल पर आ गए। इस दर्दनाक घटना में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है और 38 से ज्यादा घायल हुए हैं, जिनमें 7 की हालत गंभीर बताई गई है।
हादसे की प्रमुख वजहें
1. जर्जर हो चुका था पुल
- यह ब्रिज करीब 30 साल पुराना था और इसकी हालत काफी खराब हो चुकी थी।
- नए पुल के लिए टेंडर जारी हुआ था लेकिन पुराने पुल को हटाया नहीं गया।
2. नाकाफी चेतावनी
- प्रशासन ने केवल एक चेतावनी बोर्ड लगाया था।
- न तो बैरिकेडिंग की गई और न ही आवाजाही पर कोई रोक लगाई गई।
3. भारी भीड़ और अनियंत्रित गतिविधियां
- हादसे के समय बड़ी संख्या में लोग पुल पर मौजूद थे।
- कुछ लोग बाइक लेकर भी पुल पर चढ़ गए, जिससे वजन बहुत बढ़ गया।
4. संरचनात्मक कमजोरी
- पुल के नीचे कोई मजबूत सपोर्ट नहीं था।
- एक समय में सिर्फ एक बाइक निकल सकती थी, लेकिन कई बाइकें एक साथ आ गईं।
प्रशासन और पर्यटकों की दोहरी लापरवाही
प्रशासन की लापरवाही
- चेतावनी बोर्ड लगाने के अलावा कोई कड़ा कदम नहीं उठाया गया।
- भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के लिए कोई इंतज़ाम नहीं थे।
पर्यटकों की लापरवाही
- चेतावनी के बावजूद लोग फोटो और सेल्फी लेने के लिए ब्रिज पर चढ़े।
- बाइक ले जाने पर रोक थी, फिर भी लोग बाइक लेकर पहुंचे।
- सेल्फी लेते समय लापरवाही से 4 लोगों की जान चली गई।
हादसे से पहले क्या हुआ था?
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, घटना से ठीक पहले पुल पर सेल्फी लेने वालों की भीड़ अचानक बढ़ गई थी। तभी पुल अचानक गिर गया और कई लोग सीधे नदी में जा गिरे। कुछ को बहाव में बहते देखा गया, जिन्हें रेस्क्यू टीम ने बाहर निकाला।
पहले से थी चेतावनी, फिर भी नजरअंदाजी
प्रशासन ने 7 दिन पहले ही टूरिस्ट स्थलों पर चेतावनी जारी की थी कि लोग सेल्फी के चक्कर में अपनी जान खतरे में न डालें।
आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने भी लोगों से अपील की थी कि पर्यटन स्थलों पर नियमों का पालन करें। लेकिन अफसोस, चेतावनियों के बावजूद लापरवाही जारी रही।
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एक अनदेखी जो बन गई जानलेवा
इस पुल हादसे ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि प्रशासनिक सतर्कता और नागरिक जिम्मेदारी दोनों जरूरी हैं। न सिर्फ पुल की देखरेख बल्कि जनता की जागरूकता भी उतनी ही अहम है। अब सरकार पर जिम्मेदारी है कि वह ऐसी घटनाओं से सबक ले और भविष्य में सख्त कदम उठाए।