मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां जिला अदालत के बैंक खाते में साइबर सेंधमारी कर 64 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई। इस मामले में गुजरात से एक पिता-पुत्र की जोड़ी को गिरफ्तार किया गया है।
IT एक्सपर्ट बेटे ने रची ठगी की स्क्रिप्ट, पिता ने निभाया अहम रोल
पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान 26 वर्षीय साहिल रंगरेज और उसके 57 वर्षीय पिता साजिद सत्तार के रूप में हुई है। साहिल एक आईटी एक्सपर्ट है, जिसने तकनीकी जानकारी का दुरुपयोग करते हुए यह साइबर फ्रॉड किया।
कब और कैसे हुई धोखाधड़ी?
- अवधि: 5 मार्च से 11 जून 2025 के बीच
- स्थान: अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (ADJ) की अदालत का बैंक खाता
- राशि: ₹64.05 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी
- एफआईआर दर्ज: हाल ही में पुलिस में शिकायत दर्ज हुई थी
- गिरफ्तारी का स्थान: वलसाड, गुजरात
निष्क्रिय मोबाइल नंबर बना ठगी का जरिया
इस पूरे मामले की जड़ एक निष्क्रिय मोबाइल नंबर है, जो कभी अदालत के बैंक खाते से जुड़ा था। यह नंबर लंबे समय तक रिचार्ज न होने के कारण निष्क्रिय हो गया। दो साल बाद, संबंधित टेलीकॉम कंपनी ने वही नंबर साजिद सत्तार को अलॉट कर दिया।
- साजिद को अदालत के बैंक से जुड़ी ट्रांजैक्शनal SMS आने लगे
- उसने बेटे साहिल को इस बारे में जानकारी दी
- साहिल ने OTP और पासवर्ड्स की मदद से ऑनलाइन बैंकिंग एक्सेस की
- धीरे-धीरे अदालत के खाते से लाखों रुपये ट्रांसफर कर लिए
कहां खर्च की गई धोखाधड़ी की रकम?
प्रारंभिक जांच से जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक पिता-पुत्र ने ठगे गए पैसों का उपयोग:
- महंगे मोबाइल फोन की खरीद
- लक्ज़री कार की बुकिंग
- विदेश यात्राएं
- इलाज संबंधी खर्च
- पुराने फ्लैट की मरम्मत
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जांच जारी, हो सकते हैं और भी खुलासे
इंदौर पुलिस के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने बताया कि यह मामला गंभीर साइबर अपराध का उदाहरण है। फिलहाल पुलिस इस मामले में विस्तृत जांच कर रही है और यह भी पड़ताल की जा रही है कि कहीं इस फ्रॉड में और लोग तो शामिल नहीं हैं।